हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
अलीगढ़, 08 दिसंबर 2025 । शीत ऋतु में घने कोहरे के कारण सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी को देखते हुए संभागीय परिवहन अधिकारी दीपक कुमार शाह ने व्यावसायिक वाहन चालकों व मालिकों को रेट्रो-रिफ्लेक्टिव टेप लगाने के लिए सचेत किया है। उन्होंने बताया कि दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण रात व कोहरे में वाहनों की कम दृश्यता है, जबकि परावर्तक पट्टियाँ इस जोखिम को काफी हद तक कम करती हैं। शासन द्वारा स्पष्ट निर्देश हैं कि बिना रिफ्लेक्टिव टेप व रियर मार्किंग के कोई भी व्यावसायिक वाहन सड़क पर संचालन न करे।

उन्होंने जानकारी दी कि 3.5 से 7.5 टन वजन वाले मालवाहनों में सामने सफेद और पीछे लाल परावर्तक पट्टी पूरी चौड़ाई में लगी हो तथा दोनों की चौड़ाई कम से कम 20 मिमी हो। 7.5 टन से अधिक वजन वाले वाहनों के लिए सामने की सफेद पट्टी की चौड़ाई न्यूनतम 50 मिमी निर्धारित है। ट्रेलर और सेमी ट्रेलर (7.5 टन से अधिक) में पीछे व किनारों पर रेखीय परावर्तक चिन्हांकन अनिवार्य है। कृषि ट्रैक्टरों के पीछे दोनों ओर कम से कम 7 वर्ग सेंटीमीटर क्षेत्रफल के लाल परावर्तक लगे हों। वहीं यात्री वाहनों में सामने सफेद व लाल परावर्तक पट्टी तथा एम-3 श्रेणी के वाहनों पर किनारों पर कम से कम 50 मिमी चौड़ाई की पीली परावर्तक पट्टी लगाना अनिवार्य है।
ई-रिक्शा, ई-कोर्ट और तीन पहिया वाहनों में सामने सफेद और पीछे लाल पट्टी पूरी चौड़ाई में लगी हो, जिसकी चौड़ाई भी 50 मिमी होनी चाहिए। परिवहन आयुक्त, उत्तर प्रदेश द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत केंद्रीय मोटरयान नियमावली 1989 के नियम 104 और मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 190(2) के अंतर्गत रिफ्लेक्टिव टेप न लगाने पर पहली बार 10 हजार रुपये का चालान या तीन महीने की कैद या दोनों हो सकते हैं। साथ ही लाइसेंस भी तीन महीने के लिए निलंबित होगा। दूसरी बार उल्लंघन पर छह महीने तक की कैद और फिटनेस प्रमाणपत्र जारी न करने का प्रावधान किया गया है।
अधिकारियों ने जानकारी दी कि 11 दिसंबर तक अलीगढ़ में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। सभी व्यावसायिक वाहन स्वामियों से अपील की गई है कि एआईएस 090 और एआईएस 089 मानक के रेट्रो-रिफ्लेक्टिव टेप अवश्य लगाएं ताकि दुर्घटनाओं की संभावना कम हो और जुर्माने से भी बचा जा सके।













