हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ 23 मई : 2025
प्रयागराज। श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद से जुड़ी एक बड़ी सुनवाई आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में होने जा रही है, जिसमें मथुरा स्थित शाही ईदगाह मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित करने की मांग की गई है। यह मामला श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास द्वारा दायर याचिका से जुड़ा है। याचिकाकर्ता एवं न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल कर यह दावा किया है कि जिस स्थान पर शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है, वह मूलतः भगवान श्रीकृष्ण का जन्मस्थान है, जिसे ध्वस्त कर मस्जिद बनाई गई थी।
कोर्ट में दोपहर 2 बजे सुनवाई, दोनों पक्ष रहेंगे मौजूद
आज यानी 23 मई को दोपहर 2 बजे जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्र की एकल पीठ में इस प्रकरण की सुनवाई होनी है। कोर्ट ने पिछली सुनवाई में दोनों पक्षों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि वे पूरी तैयारी के साथ कोर्ट में उपस्थित हों और अपने-अपने पक्ष को मजबूती से रखें।
हिंदू पक्ष की ओर से अयोध्या में राम जन्मभूमि और संभल में जैन मंदिर विवाद के मामलों को नजीर के रूप में पेश किया जाएगा। अधिवक्ताओं का कहना है कि जैसे अयोध्या में कोर्ट ने निर्णय से पहले बाबरी मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित किया था, वैसे ही मथुरा में भी शाही ईदगाह मस्जिद को विवादित ढांचे का दर्जा दिया जाना चाहिए।
मस्जिद पक्ष की ओर से पूर्व में दाखिल प्रार्थना पत्र में इस याचिका को विवाद को अनावश्यक रूप से लंबा खींचने की कोशिश बताया गया था। मस्जिद पक्ष का यह भी कहना है कि समझौते के तहत यह विवाद सुलझ चुका है और अब इसे पुनः उठाना न केवल विधिक प्रक्रिया के विरुद्ध है, बल्कि समाज में अशांति फैलाने वाला कदम हो सकता है।
इससे पहले 6 मई को हुई सुनवाई में कोर्ट ने मस्जिद पक्ष के जवाब को पढ़ने के बाद यह माना कि दोनों पक्षों को पर्याप्त अवसर दिया जाना चाहिए, जिससे विवाद के सभी कानूनी और ऐतिहासिक पहलुओं पर चर्चा हो सके। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि अगली सुनवाई में कोई पक्ष बिना तैयारी के उपस्थित न हो।
याचिका में मांग की गई है कि मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित किया जाए, क्योंकि वह मूल गर्भगृह मंदिर को ध्वस्त कर बनाई गई है। याचिकाकर्ता का यह भी दावा है कि भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर केवल मंदिर ही होना चाहिए और वहां से सभी गैर-हिंदू संरचनाएं हटाई जानी चाहिए।