हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ बुधवार 4 जून 2025
नई दिल्ली, 04 जून 2025: केंद्र सरकार ने देश में जनगणना की नई तारीखों का ऐलान कर दिया है। कोरोना महामारी के कारण 2021 में स्थगित हुई जनगणना अब 16 साल बाद 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगी। खास बात यह है कि इस बार जनगणना के साथ-साथ जातिगत जनगणना (Caste Census) भी कराई जाएगी, जिसका देश भर में लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, जनगणना दो चरणों में की जाएगी। पहाड़ी राज्यों जैसे लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में जनगणना की शुरुआत 1 अक्टूबर 2026 से होगी, जबकि मैदानी राज्यों में यह कार्य 1 मार्च 2027 से शुरू किया जाएगा।
जनगणना का बदलेगा चक्र
अब तक देश में हर 10 साल में जनगणना होती थी। यह सिलसिला 1951 से चल रहा था, लेकिन कोविड-19 के चलते 2021 की जनगणना टल गई थी। अब 2026 में होने वाली जनगणना के बाद यह चक्र बदल जाएगा और अगली जनगणनाएं 2027, 2037, 2047 में होंगी।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
भारत में पहली जनगणना 1872 में हुई थी, लेकिन व्यवस्थित रूप से 1881 से जनगणना की प्रक्रिया शुरू हुई। 1931 तक हर जनगणना में जातिगत आंकड़े शामिल किए जाते थे। 1941 में डेटा तो जुटाया गया लेकिन प्रकाशित नहीं किया गया। आज़ादी के बाद से केवल अनुसूचित जाति (SC) और जनजाति (ST) के ही जातिगत आंकड़े जुटाए जाते रहे हैं। 1931 के बाद अब पहली बार अन्य जातियों का भी विवरण जुटाया जाएगा।
2011 की आखिरी जनगणना के आंकड़े
2011 में हुई अंतिम जनगणना के अनुसार, भारत की कुल जनसंख्या 121 करोड़ थी। लिंगानुपात 940 महिलाएं प्रति 1000 पुरुष था, जबकि साक्षरता दर 74.04% दर्ज की गई थी।
एनपीआर भी होगा अपडेट
जनगणना के साथ-साथ राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को भी अपडेट किया जाएगा। यह प्रक्रिया सरकार के प्रशासनिक ढांचे को मजबूत बनाने और योजनाओं के क्रियान्वयन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से की जा रही है।