हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ गुरुवार 5 जून 2025 अलीगढ़
अलीगढ़, । नगर निगम के एक लंबे विवाद का अंत बुधवार को हुआ जब करीब 30 वर्षों से कब्जे में चल रहे सरकारी बंगले को नगर निगम प्रशासन ने खाली करवा लिया। यह कार्रवाई नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश मीणा के निर्देश पर की गई, जिनके कार्यभार संभालने के बाद इस मामले में त्वरित कार्रवाई शुरू हुई।
जानकारी के अनुसार, नगर निगम में अवर अभियंता रहे गय्यूर अहमद ने सेवा काल में आवंटित सरकारी आवास को सेवानिवृत्ति के बाद भी नहीं छोड़ा था। आरोप है कि उन्होंने गलत तथ्यों के आधार पर न्यायालय को गुमराह कर बंगले पर वर्षों तक अवैध कब्जा बनाए रखा। मामले में उच्च न्यायालय इलाहाबाद में 2008 में दायर की गई रिट याचिका भी दिसंबर 2024 में खारिज हो चुकी थी।
बावजूद इसके जब गय्यूर अहमद ने बंगला खाली नहीं किया, तो नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश मीणा ने नाराजगी जताते हुए अंतिम नोटिस जारी कर कब्जा मुक्त कराने के निर्देश दिए। बुधवार को सहायक नगर आयुक्त वीर सिंह की अगुवाई में एसीएम प्रथम, क्वींस पार्क पुलिस प्रभारी, तहसीलदार विजय गुप्ता सहित प्रशासनिक टीम की मौजूदगी में बंगले को खाली कराया गया।
नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश मीणा ने बताया कि नगर निगम की संपत्ति पर 30 वर्षों से चल रहे अवैध कब्जे को हटाया गया है। नगर निगम की संपत्ति शाखा, नजूल प्रशासन और पुनर्वास विभाग की संयुक्त कार्रवाई में यह अभियान सफल रहा। उन्होंने कहा कि अब अन्य ऐसे सरकारी भवनों की भी सूची तैयार की जा रही है, जहां अवैध रूप से कब्जा किया गया है, और जल्द ही वहां भी कार्रवाई की जाएगी।
सहायक नगर आयुक्त वीर सिंह ने बताया कि गय्यूर अहमद सेवानिवृत्ति के बाद भी सरकारी आवास में बने रहे और वर्ष 1997 में आदेश के बावजूद बंगला खाली नहीं किया। वर्ष 2010 में नजूल विभाग ने उन्हें नीतिगत रूप से फर्जी लाभ लेने का दोषी मानते हुए बेदखल करने के आदेश दिए थे। अंततः नगर निगम ने अब इस आवास को अपने नियंत्रण में ले लिया है।