हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: मंगलवार 17 जून 2025
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (UPERC) में बिजली दरों में औसतन 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दाखिल किया है। यदि आयोग इस प्रस्ताव को मंजूरी देता है, तो ग्रामीण उपभोक्ताओं को बिजली के लिए 8 रुपये प्रति यूनिट और शहरी उपभोक्ताओं को 9 रुपये प्रति यूनिट तक का भुगतान करना पड़ सकता है। इसके अलावा, फिक्स चार्ज में भी भारी वृद्धि प्रस्तावित है, जिससे कुल लागत 12-13 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच सकती है।
प्रस्तावित दरें और फिक्स चार्ज
- ग्रामीण उपभोक्ता: मौजूदा 5.50 रुपये प्रति यूनिट (300 यूनिट से अधिक खपत पर) को बढ़ाकर 8 रुपये प्रति यूनिट प्रस्तावित। फिक्स चार्ज 90 रुपये से बढ़कर 150 रुपये प्रति किलोवाट हो सकता है।
- शहरी उपभोक्ता: मौजूदा 6.50 रुपये प्रति यूनिट (300 यूनिट से अधिक) को बढ़ाकर 9 रुपये प्रति यूनिट प्रस्तावित। फिक्स चार्ज 110 रुपये से बढ़कर 190 रुपये प्रति किलोवाट हो सकता है।
- बीपीएल उपभोक्ता: 100 यूनिट तक मौजूदा 3 रुपये प्रति यूनिट की दर को बढ़ाकर 4 रुपये और फिक्स चार्ज 50 रुपये से 75 रुपये प्रस्तावित।
- व्यावसायिक उपभोक्ता: दुकानों के लिए 4 किलोवाट तक के कनेक्शन की दर 7.50-8.40 रुपये से बढ़ाकर 9.50 रुपये और 4 किलोवाट से अधिक लोड पर 7.50-8.75 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये प्रति यूनिट प्रस्तावित। फिक्स चार्ज 330-450 रुपये से बढ़कर 450-545 रुपये प्रति किलोवाट तक हो सकता है।
- निजी संस्थान: बिजली दर 9 रुपये से 10 रुपये और फिक्स चार्ज 350 रुपये से 450 रुपये प्रस्तावित।
स्लैब में बदलाव पावर कॉरपोरेशन ने घरेलू उपभोक्ताओं के मौजूदा चार स्लैब को घटाकर तीन और व्यावसायिक उपभोक्ताओं के दो स्लैब को एक करने का प्रस्ताव दिया है। इससे कुछ स्लैब में बिजली की दरें 45 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं। कॉरपोरेशन ने 19,644 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे का हवाला देते हुए यह बढ़ोतरी जरूरी बताई है।
विरोध और सुनवाई उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने दावा किया कि बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का 33,122 करोड़ रुपये का सरप्लस है, जिसके आधार पर दरें 40-45 प्रतिशत तक कम होनी चाहिए। परिषद ने आयोग में प्रस्ताव दाखिल कर कॉरपोरेशन के आंकड़ों को मनगढ़ंत करार दिया है। आयोग जून 2025 में इस मामले पर सुनवाई शुरू कर सकता है, जिसमें दोनों पक्षों के दावों पर विचार किया जाएगा।
उपभोक्ताओं की चिंता प्रस्तावित बढ़ोतरी से प्रदेश के करीब 3.5 करोड़ उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ने की आशंका है। ऊर्जा क्षेत्र में इसे अब तक की सबसे बड़ी दर वृद्धि के रूप में देखा जा रहा है। उपभोक्ता संगठनों ने सड़कों पर उतरकर विरोध की चेतावनी दी है। अंतिम फैसला विद्युत नियामक आयोग के निर्णय पर निर्भर करेगा