बीजिंग/नई दिल्ली। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन 2025 में भारत ने बड़ा राजनयिक कदम उठाते हुए सम्मेलन की संयुक्त घोषणा (Joint Statement) पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मौके पर पाकिस्तान को करारा संदेश देते हुए दो टूक कहा कि आतंकवाद को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

भारत ने इस संयुक्त घोषणा में सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे को शामिल करने की मांग की थी, लेकिन अन्य देशों के विरोध के चलते यह संभव नहीं हो सका। इसके चलते भारत ने संयुक्त घोषणापत्र से दूरी बना ली।
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसे आड़े हाथों लिया और कहा कि,
“आतंकवाद के दोषियों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। आतंकवाद से निपटने के लिए दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं है।”
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ देश आतंकवाद को रणनीतिक साधन के रूप में उपयोग कर रहे हैं और ऐसे प्रयासों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेनकाब किया जाना चाहिए।
पाकिस्तान को दूसरा झटका
एससीओ समिट के दौरान राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ से मुलाकात नहीं की। इसे भी एक सख्त कूटनीतिक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है, खासतौर पर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाक के रिश्तों में बढ़े तनाव के मद्देनज़र।
भारत का संदेश साफ है: आतंकवाद के मुद्दे पर कोई नरमी नहीं और जो देश आतंकवाद को प्रश्रय देते हैं, उनसे संवाद नहीं।