हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
अलीगढ़, 23 जुलाई: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) मिलकर 30 जुलाई को एक ऐतिहासिक सैटेलाइट ‘निसार’ (NISAR – NASA ISRO Synthetic Aperture Radar) लॉन्च करने जा रहे हैं। यह सैटेलाइट भूकंप, दरार, भूस्खलन, बर्फ पिघलने और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के संकेतों का पहले से पता लगाकर समय रहते अलर्ट जारी करने में मदद करेगा।
निसार सैटेलाइट धरती की सतह में होने वाले सूक्ष्म बदलावों को माइक्रोमीटर स्तर तक पकड़ने में सक्षम होगा। यह दुनिया का पहला ऐसा रडार सैटेलाइट मिशन है जो दो अलग-अलग फ्रीक्वेंसी वाले रडार (L-बैंड और S-बैंड) तकनीक का उपयोग करेगा। इसका निर्माण अमेरिका के जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी (JPL) और भारत के URSC (यू. आर. राव सैटेलाइट सेंटर) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है।
निसार मिशन न सिर्फ प्राकृतिक आपदाओं की चेतावनी देगा, बल्कि ग्लेशियर के पिघलने, जंगलों की कटाई, भूगर्भीय हलचलों और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी भी देगा। यह वैश्विक स्तर पर पर्यावरणीय निगरानी और आपदा प्रबंधन में क्रांति ला सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि निसार से भारत समेत पूरी दुनिया को समय रहते आपदा प्रबंधन की तैयारी का अवसर मिलेगा। इसका डेटा वैज्ञानिकों, नीति-निर्माताओं और बचाव एजेंसियों के लिए अत्यंत उपयोगी होगा।
इस लॉन्च को दुनिया भर के वैज्ञानिक उत्सुकता से देख रहे हैं। 30 जुलाई को जब यह सैटेलाइट अंतरिक्ष की ओर रवाना होगा, तब मानवता के लिए एक नया युग शुरू होगा – जहां हम विनाश से पहले चेतावनी पा सकेंगे।