पटना में ग्रामीण कार्य विभाग के अधीक्षण अभियंता विनोद राय के भूतनाथ रोड स्थित आवास पर आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने छापेमारी कर करोड़ों रुपये के जले हुए नोट बरामद किए। जानकारी के अनुसार, गुरुवार देर रात से ही विनोद राय नकदी जलाने में जुटे रहे। पुलिस टीम उनके घर के नीचे डटी रही जबकि ऊपर इंजीनियर साहब नोट नष्ट करने की कोशिश कर रहे थे।
सुबह जब दबिश दी गई तो घर के विभिन्न हिस्सों में नोट जलाने के प्रमाण मिले। पाकी टंकी से 39.50 लाख रुपये सुरक्षित बरामद हुए। वहीं करीब 12.50 लाख रुपये के जले नोट और बाथरूम की पाइप से दो से तीन करोड़ रुपये के जले नोटों का मलबा मिला। माना जा रहा है कि विनोद राय ने साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से नकदी को नष्ट करने की कोशिश की थी।
ईओयू ने विनोद राय और उनकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है। पत्नी को तबीयत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पुलिस की निगरानी में उनका इलाज चल रहा है। विनोद राय ग्रामीण कार्य विभाग के सीतामढ़ी डिवीजन में अधीक्षण अभियंता पद पर तैनात थे और मधुबनी डिवीजन का भी प्रभार संभाल रहे थे।
तलाशी के दौरान पुलिस को उनके घर से जमीन-जायदाद से जुड़े 18 डीड, 15 बैंक खाते, पार्टनरशिप के दस्तावेज, 26 लाख रुपये मूल्य के सोने-चांदी के गहने, बीमा पॉलिसी और निवेश संबंधी कागजात मिले।
छापेमारी के दौरान पहली बार जब अधिकारी पहुंचे तो विनोद की पत्नी ने उन्हें रोकते हुए कहा कि घर में अकेली हैं और रात का समय है। अधिकारी सुबह तक इंतजार करते रहे, लेकिन इस बीच घर में नोट जलाने की गतिविधि जारी रही। सुबह दबिश के बाद करोड़ों रुपये के जले और अधजले नोट मिले।
यह कार्रवाई बिहार के अब तक के सबसे बड़े नोट जलाने और काले धन छिपाने के मामलों में से एक मानी जा रही है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।