हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
जयपुर। राजस्थान हाई कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए अजमेर विद्युत वितरण कंपनी (अजमेर डिस्कॉम) में कार्यरत पुत्रवधू शशि कुमारी के वेतन से उसके ससुर भगवान सिंह सैनी को प्रतिमाह 20 हजार रुपये देने का आदेश दिया है। यह कटौती एक नवंबर 2025 से शुरू होगी और ससुर के जीवनकाल तक जारी रहेगी।
मामला अलवर जिले के खेड़ली निवासी भगवान सिंह सैनी से जुड़ा है। उनके पुत्र राजेश कुमार अजमेर डिस्कॉम में तकनीकी सहायक के पद पर कार्यरत थे और 15 सितंबर 2015 को सेवा के दौरान उनका निधन हो गया। इसके बाद भगवान सिंह ने अपने बेटे की पत्नी शशि कुमारी को उदारता दिखाते हुए अनुकंपा नियुक्ति देने की अनुमति दी थी।
शशि कुमारी ने नौकरी मिलने के समय परिवार के भरण-पोषण का वादा किया था, लेकिन नियुक्ति के बाद ससुराल छोड़कर अपने मायके में रहने लगी और ससुराल पक्ष की देखभाल से इनकार कर दिया। इसके बाद भगवान सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की।
मुख्यपीठ के न्यायमूर्ति फरजंद अली ने 10 अक्टूबर को सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे शुक्रवार को सुनाया गया। अदालत ने माना कि अनुकंपा नियुक्ति परिवार के भरण-पोषण के उद्देश्य से दी जाती है, इसलिए लाभार्थी का यह कर्तव्य है कि वह मृतक कर्मचारी के आश्रितों का भरण-पोषण करे।

















