हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
इनकम टैक्स विभाग अब विदेशी संपत्तियों को छिपाने वालों पर सख्त कार्रवाई के लिए तैयार है। विभाग ने बताया कि करीब 25,000 टैक्सपेयर्स ऐसे हैं जिन्हें हाई-रिस्क कैटेगरी में रखा गया है। ये वे लोग हैं जिनकी विदेशी संपत्तियों और वित्तीय निवेशों की जानकारी ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इंफॉर्मेशन (AEOI) के तहत विदेशों से मिली है, लेकिन उन्होंने असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए भरी गई ITR में इनका उल्लेख नहीं किया।
इनकम टैक्स विभाग ने इस विशेष अभियान को “Nudge Campaign” नाम दिया है। इसके पहले चरण में सभी संबंधित व्यक्तियों को SMS और ईमेल के माध्यम से संशोधित रिटर्न दाखिल करने की सलाह भेजी जाएगी। विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि ऐसे करदाता 31 दिसंबर 2025 तक Revised ITR दाखिल कर देते हैं, तो वे भारी दंड और कानूनी कार्रवाई से बच सकते हैं।
सरकार इस अभियान को व्यापक स्तर पर लागू करने जा रही है। दूसरे चरण में बड़े कॉरपोरेट्स, उद्योग संगठनों और ICAI को भी जोड़ा जाएगा, ताकि कर्मचारियों और सामान्य करदाताओं को विदेशी संपत्ति के अनिवार्य खुलासे संबंधी प्रावधानों के बारे में जागरूक किया जा सके। विदेशी संपत्ति छिपाना ब्लैक मनी एक्ट के तहत गंभीर अपराध है, जिसमें कड़ी सजा का प्रावधान है।
कानून क्या कहता है?
- विदेशी संपत्ति न बताने पर 10 लाख रुपये का जुर्माना
- संपत्ति से जुड़ी आय पर 30% टैक्स
- टैक्स की रकम पर 300% तक पेनल्टी
विभाग ने बताया कि पिछले साल भी ऐसे नोटिस जारी किए गए थे, जिसके बाद 24,678 टैक्सपेयर्स ने अपनी ITR दोबारा दाखिल करके विदेशी संपत्तियों और आय का खुलासा किया था। इन संपत्तियों का कुल मूल्य 29,208 करोड़ रुपये आंका गया था, जबकि विदेशी आय 1,089.88 करोड़ रुपये दर्ज की गई थी।
सूत्रों के अनुसार, जून 2025 तक विभाग ने 1,080 मामलों की जांच पूरी कर 40,000 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड उठाई है। दिल्ली, मुंबई और पुणे में हुई छापेमारी में कई अघोषित विदेशी निवेश और बैंक खातों का खुलासा हुआ है। विभाग को विदेशी वित्तीय जानकारी CRS और FATCA के माध्यम से प्राप्त होती है।
सरकार का कहना है कि यह कदम करदाताओं को समय पर और सही तरीके से विदेशी संपत्ति घोषित करने के लिए प्रेरित करने का महत्वपूर्ण प्रयास है।













