हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
साउदर्न रेलवे के चेन्नई डिविजन ने स्लीपर क्लास यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा की घोषणा की है। अब तक केवल एसी कोचों में उपलब्ध बेडरोल सुविधा 1 जनवरी 2026 से नॉन-AC स्लीपर कोचों में भी शुरू की जा रही है। यह सेवा यात्रियों की बढ़ती मांग और NINFRIS (New Innovative Non-Fare Revenue Ideas Scheme) 2023-24 के तहत चलाए गए पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद लागू की जा रही है। रेलवे ने इसे स्थायी गैर-किराया राजस्व मॉडल के रूप में स्वीकृति दे दी है।

इस नई सुविधा से स्लीपर क्लास में यात्रा और अधिक आरामदायक और स्वच्छ होगी। लंबे सफर में बेडरोल न मिलने की समस्या दूर होगी और यात्रियों को किफायती दरों पर साफ-सुथरे, सैनिटाइज्ड बेडरोल मिल सकेंगे। वहीं, इस सेवा से रेलवे को भी आर्थिक लाभ होगा। चेन्नई डिविजन को हर साल लगभग 28.27 लाख रुपये लाइसेंस शुल्क के रूप में मिलने की उम्मीद है।
यात्रियों के लिए साउदर्न रेलवे ने तीन किफायती पैकेज जारी किए हैं—
50 रुपये पैक: एक बेडशीट, एक तकिया, एक तकिया कवर
30 रुपये पैक: एक तकिया, एक तकिया कवर
20 रुपये पैक: एक बेडशीट
ये पैकेज अलग-अलग जरूरतों और बजट वाले यात्रियों के लिए सुविधाजनक तरीके से तैयार किए गए हैं। सभी आइटम पूरी तरह सैनिटाइज्ड होंगे।
पहले चरण में यह सेवा चेन्नई डिविजन की 10 प्रमुख ट्रेनों में तीन साल की अवधि के लिए लागू की जाएगी। जिन ट्रेनों में सुविधा शुरू होगी, उनमें शामिल हैं—
मैंगलोर सुपरफास्ट एक्सप्रेस, मन्नारगुड़ी एक्सप्रेस, तिरुचेंदूर सुपरफास्ट एक्सप्रेस, पलघाट एक्सप्रेस, सिलम्बू सुपरफास्ट एक्सप्रेस, तांबरम-नागरकोइल सुपरफास्ट एक्सप्रेस, तिरुवनंतपुरम सुपरफास्ट एक्सप्रेस और अल्लेप्पी सुपरफास्ट एक्सप्रेस आदि।
स्लीपर क्लास में यह सुविधा रेलवे के यात्री सेवा सुधारों की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है और उम्मीद है कि इससे लाखों यात्रियों को राहत मिलेगी।













