हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
2047 तक यूपी के हर बड़े-छोटे शहर में मेट्रो: 1575 किमी नेटवर्क का खाका तैयार
लखनऊ,
उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश को विकसित भारत @2047 के लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए मेट्रो नेटवर्क का सबसे बड़ा विस्तार करने की योजना पर काम कर रही है। राज्य के छोटे से लेकर बड़े शहरों तक हर प्रमुख रूट पर मेट्रो रेल सेवा उपलब्ध कराने के लिए विस्तृत ब्लूप्रिंट तैयार किया जा रहा है। यूपी मेट्रो रेल कार्पोरेशन (UPMRC) ने कार्यशाला में बताया कि वर्ष 2047 तक पूरे प्रदेश में कुल 1575 किलोमीटर लंबा मेट्रो नेटवर्क तैयार किया जाएगा।
लखनऊ–कानपुर में सबसे बड़ा विस्तार
मेट्रो रेल कार्पोरेशन के अनुसार,
- लखनऊ में 225 किमी
- कानपुर में 200 किमी
मेट्रो रेल चलाने की योजना है। इन दोनों शहरों को प्रदेश के सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। लक्ष्य के अनुसार कुल 1575 किमी में से लगभग 790 किमी नेटवर्क वर्ष 2035 तक पूरा करने की तैयारी है।
अलीगढ़, अयोध्या, वाराणसी सहित नौ शहरों में 50-50 किमी मेट्रो
प्रदेश के उभरते टियर-टू शहरों में भी मेट्रो की सुविधा दी जाएगी। कार्यशाला में बताया गया कि 2047 तक निम्न शहरों में 50–50 किलोमीटर मेट्रो नेटवर्क प्रस्तावित है—
गोरखपुर, बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, झांसी, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन, अलीगढ़ और सहारनपुर।
इससे इन शहरों में तेज, सुरक्षित और आधुनिक सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध होगा।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा, वाराणसी और प्रयागराज में 150–150 किमी
UPMRC के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने बताया कि
- नोएडा,
- ग्रेटर नोएडा,
- वाराणसी,
- प्रयागराज
में 150–150 किलोमीटर लंबे मेट्रो कॉरिडोर की योजना तैयार की गई है। पहले चरण में प्रमुख रूटों को शामिल किया जा रहा है, जिसके बाद आवश्यकता के अनुसार विस्तार किया जाएगा।
कमाई में आगे, खर्च में कम—UPMRC का दावा
UPMRC ने बताया कि उसके सभी मेट्रो सिस्टम मौजूदा समय में लाभ में हैं। प्रति किलोमीटर अधिकतम राजस्व और न्यूनतम खर्च के साथ यूपी के टियर-टू शहरों में संचालन दक्षता ने राष्ट्रीय स्तर पर नया मानक स्थापित किया है।
इन सभी परियोजनाओं के लिए विभिन्न शहरों में लगभग 1527 करोड़ रुपये वार्षिक निवेश की जरूरत होगी।
राज्य सरकार के अनुसार, यह मेट्रो विस्तार योजना न केवल यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाएगी, बल्कि आर्थिक गतिविधियों, रोजगार और शहरी विकास को भी नई गति देगी।













