अलीगढ़, हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:।
श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष व राज्यमंत्री सुनील भराला ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में लंबित पड़े शस्त्र लाइसेंसों के मामलों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजी शिकायत में आरोप लगाया कि बहुसंख्य आबादी को शस्त्र लाइसेंस जारी न होने से उनमें असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, सम्भल, गाजियाबाद, शामली, रामपुर, अमरोहा, बिजनौर, अलीगढ़, हापुड़, फिरोजाबाद और बरेली सहित 13 जिलों के डीएम को परीक्षण उपरांत शीघ्र कार्यवाही कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

सुनील भराला के अनुसार इन जिलों में बड़ी संख्या में शस्त्र लाइसेंस के आवेदन लम्बित हैं, जबकि एक खास समुदाय के पास वैध-अवैध शस्त्र बड़ी मात्रा में होने की बात भी कही गई है। उन्होंने मांग की कि लंबित आवेदनों का शीघ्र निस्तारण कर पात्र लोगों को लाइसेंस उपलब्ध कराए जाएं, ताकि असुरक्षा की भावना समाप्त हो सके।
अलीगढ़ की बात करें तो कलक्ट्रेट में प्रतिदिन 10 से 12 शस्त्र लाइसेंस फार्म बिक जाते हैं, हालांकि कई लोग फार्म लेने के बाद जमा नहीं करते। बीते एक साल में जिले में 333 नए शस्त्र लाइसेंस जारी हुए हैं, जिनमें रिवाल्वर और पिस्टल के लाइसेंस ज्यादा शामिल हैं। वहीं करीब एक हजार आवेदन अभी भी पुलिस, तहसील और अन्य विभागों की रिपोर्ट के लिए लंबित हैं। प्रक्रिया अब पहले की तुलना में काफी जटिल हो चुकी है। थाना, सीओ, एसपी, तहसील और गोपनीय विभाग की विस्तृत जांच रिपोर्ट के बाद ही लाइसेंस जारी किए जाते हैं।
हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद जनप्रतिनिधियों की सिफारिशें भी अब कम काम आ रही हैं। प्रशासनिक अधिकारी केवल जीवन भय जैसे मामलों में आवश्यक समझने पर ही लाइसेंस जारी कर रहे हैं।
जिले में वर्तमान में 37 हजार शस्त्र लाइसेंस धारक हैं, जिनमें 23 हजार शहर क्षेत्र के और 14 हजार ग्रामीण क्षेत्र के लोग शामिल हैं। इनमें से 98 प्रतिशत लाइसेंस 10 वर्ष या उससे पहले के हैं और नए लाइसेंस बेहद कम संख्या में जारी हो रहे हैं।
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