हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद के शीतकालीन सत्र में अमेरिका से भारतीय नागरिकों की डिपोर्टेशन से जुड़े विस्तृत आंकड़े पेश किए। उन्होंने बताया कि वर्ष 2009 से 2025 के बीच कुल 18,822 भारतीय नागरिकों को अवैध प्रवासन और वीजा नियमों के उल्लंघन के कारण अमेरिका ने वापस भारत भेजा है। यह संख्या पिछले वर्षों में बढ़ती सख्ती का संकेत देती है, खासकर अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा सत्ता में लौटने के बाद से, जब अवैध विदेशियों पर निगरानी और कार्रवाई तेज हुई है।
जयशंकर के अनुसार, साल 2023 में 617 भारतीयों को और 2024 में 1,368 भारतीयों को अमेरिका ने डिपोर्ट किया। वहीं जनवरी 2025 से दिसंबर 2025 तक कुल 3,258 भारतीय नागरिकों को निर्वासित किया गया। इनमें से 2,032 भारतीय नियमित वाणिज्यिक उड़ानों से लौटे, जबकि 1,226 भारतीय आईसीई (ICE) और सीबीपी (CBP) द्वारा चलाई गई चार्टर उड़ानों से भारत वापस भेजे गए।
विदेश मंत्री ने सदन को यह भी जानकारी दी कि डिपोर्टेशन प्रक्रिया में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार लगातार अमेरिकी अधिकारियों से संवाद में है। विशेषकर महिलाओं और बच्चों को हथकड़ी या बेड़ियां पहनाने के मामलों पर भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। जयशंकर ने बताया कि 5 फरवरी 2025 के बाद महिलाओं और बच्चों को बेड़ियां पहनाने की कोई घटना मंत्रालय के संज्ञान में नहीं आई है।
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि 19 नवंबर 2012 से आईसीई की मानक संचालन प्रक्रिया के तहत एक “restraint policy” लागू है, जिसका उद्देश्य उड़ान में सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। कुछ पुराने मामलों में निर्वासित यात्रियों द्वारा हमला किए जाने की घटनाओं के कारण यह नीति अपनाई गई थी। हालांकि, महिलाओं और नाबालिगों को सामान्यतः बेड़ियां नहीं पहनाई जातीं, लेकिन अंतिम निर्णय उड़ान प्रभारी अधिकारी द्वारा सुरक्षा के आधार पर लिया जाता है।
भारत सरकार ने आश्वासन दिया है कि वह हर स्तर पर भारतीय नागरिकों के साथ मानवीय और सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित कराने के लिए अमेरिकी पक्ष के साथ बातचीत जारी रखेगी।













