हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
देश की सबसे बड़ी किफायती विमानन कंपनी इंडिगो पिछले एक सप्ताह से गंभीर परिचालन संकट से जूझ रही है, हालांकि सोमवार को कंपनी ने अपने संचालन में कुछ सुधार दर्ज किया। एयरलाइन ने सोमवार को 1,800 उड़ानें संचालित कीं, जो रविवार की 1,650 उड़ानों से अधिक हैं। इसके बावजूद परिचालन संकट लगातार सातवें दिन जारी रहा।
एयरलाइन ने दावा किया कि उसने सोमवार को 90% ऑन-टाइम परफॉर्मेंस (OTP) हासिल किया, जबकि रविवार को यह आंकड़ा 75% था। कंपनी के अनुसार संचालन सामान्य स्थिति की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
इंडिगो ने बताया कि उसका नेटवर्क लगभग पूरी तरह बहाल हो चुका है और सोमवार का शेड्यूल एक दिन पहले ही अपडेट कर दिया गया था, ताकि यात्रियों को समय रहते जानकारी मिल सके। बीते दिनों उड़ान रद्द होने से लाखों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था।
कंपनी ने जानकारी दी कि 5 दिसंबर से अब तक 827 करोड़ रुपये यात्रियों को लौटाए जा चुके हैं, जबकि शेष राशि 15 दिसंबर तक रिफंड करने की प्रक्रिया में है।
सोमवार को इंडिगो ने 6 प्रमुख हवाईअड्डों से कुल 562 उड़ानें रद्द कीं। इनमें से अकेले 150 उड़ानें बेंगलुरु एयरपोर्ट से रद्द की गईं, जो इस संकट का सबसे बड़ा केंद्र बना हुआ है।
इसी बीच मामला संसद तक पहुंच गया। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने राज्यसभा में बताया कि इंडिगो का यह संकट किसी तकनीकी गड़बड़ी या एविएशन मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर की वजह से नहीं था। उन्होंने कहा कि समस्या चालक दल के रोस्टरिंग और आंतरिक प्रबंधन से जुड़ी थी, जिसे गंभीर चूक माना जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट कहा कि सरकार इस मामले को हल्के में नहीं ले रही है। उन्होंने जांच के आदेश दे दिए हैं और आश्वासन दिया कि जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इंडिगो की परेशानी भले ही कुछ कम होती दिख रही हो, लेकिन रद्द उड़ानों से प्रभावित यात्रियों में असंतोष अभी भी बरकरार है। सभी की निगाहें जांच रिपोर्ट और कंपनी द्वारा भविष्य में ऐसे संकट से निपटने की रणनीति पर टिकी हुई हैं।













