• Home
  • Delhi
  • खास खबर: पंकज चौधरी की चौधराहट झुकेगी या लड़ेगी !
Image

खास खबर: पंकज चौधरी की चौधराहट झुकेगी या लड़ेगी !

सी.पी. सिंह:
लखनऊ।हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: पूरे ग्यारह महीने की लंबी कशमकश के बाद सूबे के सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी ने अध्यक्ष पद का ताज पंकज चौधरी को पहना ही दिया। इसके साथ ही आने वाली चुनौतियों की लंबी फेहरिस्त भी नए अध्यक्ष से दो-दो हाथ करने के लिए आतुर दिखाई दे रही है। पंचायत चुनावों के बाद ही 2027 में विधान सभा के चुनाव भी उनके सियासी कौशल की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं। इधर अध्यक्ष का पद संभालते ही पंकज चौधरी ने साफ कहा कि वह झुकते नहीं, लड़ते हैं। अब देखना होगा कि पंकज चौधरी की चौधराहट से भाजपा के सियासी रसूख में क्या इजाफा होगा। उनकी चौधराहट लड़ेगी या फिर झुकने को मजबूर होगी!

यह बात एकदम सही है कि भाजपा हाईकमान ने उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी के तहत बड़ा संगठनात्मक दांव खेला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री एवं सात बार के सांसद पंकज चौधरी को यूपी भाजपा की कमान सौंपकर साफ संकेत दिया है कि पार्टी अब कुर्मी वोट बैंक को फिर से साधने की रणनीति पर आगे बढ़ेगी। हालांकि इस फैसले को लेकर यह बहस भी तेज हो गई है कि यह तभी संभव हो सकेगा जब संगठन के कैप्टन पंकज चौधरी और सत्ता के मुखिया योगी आदित्यनाथ में समन्वय और सत्ता–संगठन के बीच बेहतर संतुलन पैदा हो।

कुर्मी सीटों पर लगा था भाजपा को झटका
भाजपा हाईकमान इस बात से खासा चिंतित है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को कुर्मी बहुल सीटों पर बड़ा झटका लगा था। प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से कुर्मी समाज के नौ सांसद जीते । इनमें पांच सपा, तीन भाजपा और एक अपना दल से हैं। इसके अलावा संतकबीरनगर, बस्ती, श्रावस्ती, अंबेडकर नगर, अयोध्या, बाराबंकी, फतेहपुर, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, फूलपुर, सीतापुर, लखीमपुर खीरी और आँवला जैसी सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों को 2019 के मुकाबले वोट कम मिले। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार कुर्मी समाज का बड़ा हिस्सा सपा–कांग्रेस गठबंधन की ओर शिफ्ट हुआ, जिसका असर सीधे परिणामों पर दिखाई दिया। ऐसे में महराजगंज से सांसद और कुर्मी समाज के प्रभावशाली नेता पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाना भाजपा की सियासी रणनीति और सामाजिक इंजीनियरिंग का अहम हिस्सा माना जा रहा है। पंकज चौधरी का गोरखपुर और सीमावर्ती क्षेत्रों मजबूत नेटवर्क माना जाता है। साथ ही वह योगी आदित्यनाथ की राजनीति के शुरुआती दौर से जुड़े रहे हैं। माना यह भी जा रहा है कि उनके आने से अपना दल (सोनेलाल) से जुड़े नेताओं की गाहे – बगाहे होने वाली तीखी बयानबाजी पर भी कुछ हद तक लगाम लग सकेगी।

2029 की जड़े मजबूत करना भी चुनौती

भाजपा नेतृत्व ने पंकज चौधरी को इसलिए भी आगे किया है, जिससे पंचायत चुनाव से लेकर 2027 के विधानसभा और फिर 2029 के लोकसभा चुनाव तक पार्टी की जड़ें और मजबूत की जा सकें। इसके साथ ही पंकज चौधरी के सामने भाजपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करना, कमोवेश हर जिले में पार्टी के बन चुके दो गुटों को ख़त्म करने के साथ ही राज्य के निगमों में खाली पड़े पदों पर कार्यकर्ताओं के समायोजन जैसे कई मुद्दे हैं। उधर आलोचकों मानना है कि इतने बड़े प्रदेश में सत्ता और संगठन का केंद्र एक ही क्षेत्र, गोरखपुर में होने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बुंदेलखंड और ब्रज क्षेत्र के कार्यकर्ताओं में निराशा घर कर सकती है। ऐसे में पंकज चौधरी के सामने सबसे बड़ी चुनौती मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तालमेल बनाकर कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करना, लंबित राजनीतिक नियुक्तियां पूरी कराना और संगठन को चुनावी मोड में लाना होगा।

—- ,- –
कब, कौन रहा यूपी भाजपा अध्यक्ष

1: माधव प्रसाद त्रिपाठी 1980 – 1984, 4 वर्ष

2: कल्याण सिंह 1984 – 1990, छह वर्ष

3: राजेन्द्र कुमार गुप्ता 1990 – 1991, एक वर्ष

4 : कलराज मिश्र 1991 – 1997, छह वर्ष

5 : राजनाथ सिंह 25 मार्च 1997 – 3 जनवरी 2000, 2 वर्ष 10 माह

6: ओम प्रकाश सिंह 3 जनवरी 2000 – 17 अगस्त 2000, 7 माह

7: कलराज मिश्र 17 अगस्त 2000 – 24 जून 2002, एक वर्ष 10 माह

8 :विनय कटियार 24 जून 2002 – 18 जुलाई 2004, दो वर्ष

9 : केशरीनाथ त्रिपाठी 18 जुलाई 2004 – सितंबर 2007, 3 वर्ष 2 माह

10: डॉ. रमापति राम त्रिपाठी सितंबर 2007 – मई 2010, 2 वर्ष 8 माह

11: सूर्य प्रताप शाही 12 मई 2010 – 13 अप्रैल 2012, एक वर्ष 11 माह

12: लक्ष्मीकांत बाजपेयी 13 अप्रैल 2012 – 8 अप्रैल 2016, 4 वर्ष

13: केशव प्रसाद मौर्य 8 अप्रैल 2016 – 31 अगस्त 2017, 1 वर्ष 5 माह

14: महेंद्र नाथ पांडेय 31 अगस्त 2017 – जुलाई 2019, 1 वर्ष 11 माह

15: स्वतंत्र देव सिंह 16 जुलाई 2019 – 25 अगस्त 2022, 3 वर्ष 1 माह

16: भूपेंद्र सिंह चौधरी 25 अगस्त 2022 – 14 दिसंबर 2025, 3 वर्ष 4 माह

Releated Posts

₹10 के प्रिंटआउट से ₹15 लाख के सोने तक: इंस्टामार्ट पर खरीदारी के चौंकाने वाले आंकड़े

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: छोटे शहरों में तेज़ उछाल, बड़े ऑर्डर ने खींचा ध्यान बिजनेस डेस्क:स्विगी के त्वरित डिलीवरी…

ByByHindustan Mirror NewsDec 22, 2025

जिला उद्योग बंधु बैठक में उद्यमी हित सर्वोपरि, बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने पर प्रशासन सख्त

अलीगढ़, 22 दिसंबर 2025 :जिले में औद्योगिक विकास को गति देने और उद्यमियों की समस्याओं के त्वरित समाधान…

ByByHindustan Mirror NewsDec 22, 2025

सांसद चंद्रशेखर को हाईकोर्ट से राहत, मुक़दमे पर कार्रवाई स्थगित

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: प्रयागराज।।नगीना लोकसभा सांसद चंद्रशेखर आज़ाद उर्फ़ रावण को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है।…

ByByHindustan Mirror NewsDec 22, 2025

सदन में पेश हुआ 24,486.98 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट, विकास योजनाओं पर खास फोकस

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विधानसभा में 24,486.98 करोड़ रुपये…

ByByHindustan Mirror NewsDec 22, 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top