हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 13अप्रैल: 2025,
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) 19 अप्रैल को तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्यों के साथ-साथ विभिन्न मुस्लिम संगठनों के साथ एक बैठक आयोजित करेगा, जिसमें वक्फ (संशोधन) कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा। इस बैठक का आयोजन हैदराबाद के दारुस्सलाम में शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व में किया जाएगा।
ओवैसी ने कहा कि यह जनसभा वक्फ अधिनियम के खिलाफ आवाज उठाएगी और इस अधिनियम के मुसलमानों के हितों के खिलाफ होने की बात बताएगी। इसके साथ ही, संसद की वक्फ समिति के सदस्य भी इस जनसभा में शामिल हो सकते हैं।
वक्फ (संशोधन) कानून को असंवैधानिक बताते हुए ओवैसी ने की प्रधानमंत्री से पुनर्विचार की अपील
असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ (संशोधन) कानून को “असंवैधानिक” बताया और आरोप लगाया कि यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 25, 26 और 29 का उल्लंघन करता है। ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस कानून पर पुनर्विचार करने की अपील करते हुए कहा कि यह कानून संविधान के खिलाफ है और भारतीय राष्ट्रवाद की विचारधारा के अनुरूप नहीं है।
भा.ज.पा. सरकार पर गंभीर आरोप
ओवैसी ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह यह “झूठ” फैला रही है कि वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसलों को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कई ट्रिब्यूनल के फैसलों को उच्च न्यायालयों में चुनौती दी जा सकती है, जैसे कि आयकर ट्रिब्यूनल और एनजीटी के फैसले।
काला कानून बनाने का आरोप- सहयोगियों के समर्थन से
ओवैसी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने अपने सहयोगियों जैसे एन. चंद्रबाबू नायडू (टीडीपी), नीतीश कुमार (जदयू), चिराग पासवान (लोजपा-रामविलास), और जयंत चौधरी (रालोद) के समर्थन से यह “काला कानून” पारित किया है। ओवैसी ने सवाल उठाया कि इस अधिनियम में ऐसा कौन सा प्रावधान है जो वक्फ बोर्ड या मुसलमानों के लिए लाभकारी है, और इसे वक्फ संपत्तियों को हड़पने और वक्फ संस्थाओं को नष्ट करने के उद्देश्य से बनाया गया है।