हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 25 अप्रैल: 2025,
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में देश की पहली इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी का निर्माण तेजी से हो रहा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत कूड़े से टॉरेफाइड चारकोल (हरित कोयला) तैयार किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को गोरखपुर नगर निगम और नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) मिलकर संचालित कर रहे हैं।
सुथनी (सहजनवा) में चारकोल प्लांट का ट्रायल शुरू
गोरखपुर के सहजनवा क्षेत्र के सुथनी गांव में वेस्ट टू चारकोल प्लांट में मशीनों का ट्रायल शुरू हो गया है। यह प्लांट प्रतिदिन 500 टन ठोस कचरे से चारकोल बनाने की क्षमता रखता है। पहले चरण में यह प्लांट जल्द ही पूरी तरह क्रियाशील हो जाएगा।
एनटीपीसी ने किया 255 करोड़ रुपए का निवेश
इस परियोजना के लिए एनटीपीसी ने 255 करोड़ रुपए का निवेश किया है। नगर निगम ने इसके लिए 15 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई है। एनटीपीसी और नगर निगम के बीच 15 अक्टूबर 2023 को एमओयू साइन हुआ था।
कचरे का होगा वर्गीकरण और इस्तेमाल
गोरखपुर नगर निगम क्षेत्र से प्रतिदिन लगभग 500 टन कचरा निकलता है। इसमें से 200 टन गीला कचरा बायो सीएनजी प्लांट को भेजा जाएगा जबकि 300 टन सूखा कचरा चारकोल बनाने के लिए इस्तेमाल होगा। इसके अतिरिक्त खलीलाबाद, सहजनवा, घघसरा, उनवल, मगहर और बांसगांव आदि नगर निकायों से भी कूड़ा इस प्लांट को भेजा जाएगा।
बायो सीएनजी और हज़ार्डस वेस्ट प्लांट भी होंगे शामिल
इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी में 10 एकड़ क्षेत्र में बायो सीएनजी प्लांट भी बनाया जा रहा है, जहां गीले कचरे और लिक्विड वेस्ट की प्रोसेसिंग होगी। इसके अलावा, खतरनाक घरेलू कचरे (हजार्डस डोमेस्टिक वेस्ट) के निस्तारण के लिए 5 टन प्रतिदिन की क्षमता का एक अलग प्लांट भी प्रस्तावित है, जिसका सिविल वर्क जारी है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर गूंजेगा गोरखपुर मॉडल
गोरखपुर की इस इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी का प्रेजेंटेशन जर्मनी के बर्लिन शहर में इस माह के पहले सप्ताह में होने वाली ‘सर्कुलर इकोनॉमी’ पर आधारित वैश्विक बैठक में हो सकता है। यह प्रोजेक्ट देशभर में कचरा प्रबंधन का रोल मॉडल बनने की ओर अग्रसर है।