लखनऊ | 11 मई 2025
रविवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ने देश की रक्षा क्षमताओं के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा। यहां उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अंतर्गत ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के निर्माण इकाई का भव्य शुभारंभ हुआ। इस ऐतिहासिक अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डिजिटल माध्यम से दिल्ली से जुड़कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ इस परियोजना का लोकार्पण किया।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
राजनाथ सिंह ने कहा कि लखनऊ में ब्रह्मोस उत्पादन इकाई की स्थापना भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर और अधिक सशक्त बनाएगी। यह परियोजना न केवल सामरिक दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि यह देश की रणनीतिक शक्ति को भी मजबूती प्रदान करेगी, विशेषकर भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति
उद्घाटन समारोह में रक्षा मंत्री ने हाल ही में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए कहा कि यह केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की राजनीतिक और सामरिक इच्छाशक्ति का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन के अंतर्गत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मौजूद आतंकवादी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया।
“हमने कभी भी आम नागरिकों को निशाना नहीं बनाया, लेकिन पाकिस्तान ने हमारे मंदिरों, गुरुद्वारों और गिरजाघरों को भी निशाना बनाया। भारत अब आतंकवाद के खिलाफ सरहद के दोनों ओर कार्रवाई करेगा,” – राजनाथ सिंह
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर विशेष महत्व
इस ऐतिहासिक अवसर का एक और विशेष पहलू यह रहा कि उद्घाटन राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर हुआ। इसी दिन 1998 में भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण कर दुनिया को अपनी शक्ति का अहसास कराया था। रक्षा मंत्री ने इसे भारतीय वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और सशस्त्र बलों के सामूहिक प्रयास का नतीजा बताया।
उद्योग व रोजगार के नए अवसर
यह ब्रह्मोस उत्पादन इकाई 300 करोड़ रुपये की लागत से बनी है। इसके लिए राज्य सरकार ने 80 हेक्टेयर भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराई थी। मात्र साढ़े तीन वर्षों में यह निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया। इस यूनिट से न केवल लखनऊ को रक्षा क्षेत्र में एक नई पहचान मिलेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
ब्रह्मोस मिसाइल की विशेषताएं
- मारक क्षमता: 290–400 किमी
- गति: मैक 2.8 (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना)
- लॉन्च प्लेटफॉर्म: भूमि, वायु और समुद्र
- तकनीक: ‘फायर एंड फॉरगेट’, रडार से बचकर सटीक हमला
नई परियोजनाएं: चंद्रयान और फाइटर जेट्स में उपयोग
इस अवसर पर टाइटेनियम एंड सुपर एलॉय मैटेरियल्स प्लांट (Strategic Materials Technology Complex) का भी उद्घाटन हुआ। यह प्लांट एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर के लिए उच्च गुणवत्ता की सामग्री तैयार करेगा, जिनका उपयोग चंद्रयान मिशन और लड़ाकू विमानों में किया जाएगा। साथ ही ब्रह्मोस इंटीग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी का भी लोकार्पण किया गया जो मिसाइलों के परीक्षण में अहम भूमिका निभाएगी।
लखनऊ का सपना साकार
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा,
“मैंने अपने शहर लखनऊ के लिए एक सपना देखा था कि यह भारत के रक्षा क्षेत्र को मजबूती प्रदान करे। आज वह सपना साकार हुआ है।“