हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 12 मई : 2025,
नई दिल्ली | 12 मई, 2025
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले और उसके जवाब में भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात 8 बजे देश को संबोधित करने जा रहे हैं। यह संबोधन उस समय आ रहा है जब भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव चरम पर है, लेकिन साथ ही दोनों देशों ने सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर आपसी सहमति भी जताई है। आज शाम डीजीएमओ स्तर की वार्ता भी प्रस्तावित है, जिससे एक बार फिर क्षेत्रीय शांति की उम्मीद जगी है।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
7 मई, 2025 को भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की थी। यह ऑपरेशन उस आतंकवादी हमले का प्रतिशोध था, जिसमें 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 लोगों की जान गई थी — जिनमें से 25 पर्यटक थे जो बैसरन घाटी घूमने आए थे। हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने ली थी, जिसे भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान से संचालित बताया।
इस ऑपरेशन में भारत ने पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान की सीमा के भीतर मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। भारतीय सेना ने जानकारी दी कि जवाबी कार्रवाई के दौरान पाकिस्तान की सेना ने भी हस्तक्षेप किया और भारतीय ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, जिसका भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया।
पीएम मोदी रहे लगातार सक्रिय
जब पहलगाम हमला हुआ, तब पीएम मोदी सऊदी अरब दौरे पर थे। जैसे ही उन्हें हमले की जानकारी मिली, उन्होंने दौरा बीच में छोड़ते हुए भारत लौटने का निर्णय लिया और सीधे उच्चस्तरीय बैठकों की अगुवाई की। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ लगातार स्थिति की समीक्षा की।
डीजीएमओ स्तर की बैठक और शांति की पहल
आज दोपहर प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ स्तर पर होने वाली बातचीत से पहले एक अहम बैठक की, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति और अगले कदमों पर चर्चा की गई। इस बैठक में यह भी तय किया गया कि भारत किसी भी सूरत में आतंक के खिलाफ अपनी नीति से पीछे नहीं हटेगा, लेकिन अगर पाकिस्तान ईमानदारी से शांति चाहता है तो भारत भी युद्ध नहीं, संवाद को प्राथमिकता देगा।
आज का संबोधन क्यों अहम है?
प्रधानमंत्री मोदी का आज का संबोधन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह न सिर्फ देश की जनता को विश्वास दिलाएगा बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भारत की नीति को स्पष्ट करेगा। इस भाषण में पीएम मोदी ऑपरेशन सिंदूर की उपलब्धियों, भारत की सुरक्षा प्राथमिकताओं, आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति, और दक्षिण एशिया में शांति की संभावनाओं पर बात कर सकते हैं।