हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
अलीगढ़। जिले में मिलावटी पनीर का काला कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा। शुक्रवार को खाद्य सुरक्षा विभाग (एफडीए) ने खैर और गभाना क्षेत्र में चल रही चार डेयरियों पर बड़ी कार्रवाई की। छापेमारी में 780 किलो केमिकलयुक्त पनीर और करीब ढाई हजार लीटर मिश्रित दूध नष्ट कराया गया। टीम ने तीन डेयरियों को सील कर नौ नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे।
सहायक आयुक्त खाद्य अजय जायसवाल और दीनानाथ यादव के नेतृत्व में टीम ने सबसे पहले महगौरा, खैर स्थित इदरीश खान डेयरी पर छापा मारा। यहां बिना लाइसेंस संचालित प्रतिष्ठान पर 500 किलो मिलावटी पनीर मिला, जिसे मौके पर ही नष्ट कर डेयरी को सील किया गया। इसकी कीमत लगभग 1.40 लाख रुपये आंकी गई। इसके बाद हनीफ खान डेयरी में 280 किलो पनीर, पनीर घोल और 2500 लीटर मिश्रित दूध पकड़ा गया। यह डेयरी भी बिना लाइसेंस पाई गई।
तीसरी कार्रवाई गभाना के डेटा खुर्द में कुलदीप डेयरी पर हुई, जहां मालिक लाइसेंस प्रस्तुत नहीं कर सका। चौथी कार्रवाई रमेश चंद्र डेयरी पर हुई, जहां पनीर व दूध के नमूने लिए गए। कार्रवाई में मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनोज कुमार सिंह तोमर सहित पूरी टीम मौजूद रही।
एफडीए के अनुसार पकड़ा गया मिलावटी पनीर दिल्ली-एनसीआर और अलीगढ़ में होने वाली शादियों में खपाया जाना था। सहालग सीजन में बढ़ती मांग के कारण मिलावटखोर टाइटेनियम डाइऑक्साइड, आला और अन्य केमिकल का प्रयोग कर पनीर तैयार कर रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसा पनीर जहरीली शराब की तरह जानलेवा साबित हो सकता है। इससे कैंसर, दमा, लकवा, हार्ट अटैक और एनीमिया जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है।
कानून के तहत जानलेवा मिलावट पाए जाने पर आजीवन कारावास तक की सजा और पांच लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। आम लोग पनीर खरीदते समय एक टुकड़ा जीभ पर रखकर मीठा व बाद में कसैला स्वाद आना मिलावट का संकेत मान सकते हैं। कोई भी व्यक्ति एफडीए कार्यालय, कलेक्ट्रेट में शिकायत कर सकता है।















