हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:27 जुलाई 2025
बिहार की राजनीति में नया समीकरण, युवाओं के मुद्दों को बनाया केंद्रबिंदु
पटना, 27 जुलाई 2025:
बिहार की सियासत में शनिवार को बड़ा उलटफेर हुआ जब आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा कर दी। पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि वे ‘टीम तेजप्रताप’ नामक नए राजनीतिक मंच की शुरुआत कर रहे हैं और इसी बैनर के तहत आगामी विधानसभा चुनाव में महुआ सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे।
युवाओं को बनाएंगे राजनीति का केंद्र
तेजप्रताप यादव ने स्पष्ट किया कि ‘टीम तेजप्रताप’ कोई पारंपरिक पार्टी नहीं, बल्कि एक राजनीतिक मंच है जो युवाओं की आकांक्षाओं, सोच और ऊर्जा को प्रतिनिधित्व देगा। उन्होंने कहा, “बिहार का युवा बदलाव चाहता है। आज की राजनीति में उन्हें सिर्फ नारों में सीमित कर दिया गया है, लेकिन हमारी टीम उन्हें निर्णय प्रक्रिया का हिस्सा बनाएगी। हम शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य जैसे असल मुद्दों पर काम करेंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि इस मंच से वे उन्हीं लोगों को जोड़ेंगे जो राजनीति को सेवा मानते हैं और जिनमें समाज के लिए कुछ करने की भावना है।
नीतीश कुमार पर तीखा हमला
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तेजप्रताप ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “हमें पूरी उम्मीद है कि चाचा यानी नीतीश कुमार इस बार मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है और युवा इस बार निर्णायक भूमिका निभाएंगे।”
उन्होंने विरोधियों पर भी तंज कसते हुए कहा, “कुछ लोगों को हमारी सक्रियता से खुजली हो रही है। वे गाल खुजलाते रहें, हम जनता के बीच रहेंगे।”
टोपी का रंग बदला, विचारधारा में ऊर्जा
तेजप्रताप यादव प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहली बार पीली टोपी पहने नजर आए। अब तक वे ज्यादातर हरे रंग की टोपी में देखे जाते थे। टोपी के रंग में बदलाव को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, “टीम तेजप्रताप के झंडे में हरा और पीला दोनों रंग हैं। हरा हमारी विरासत और पीला हमारी ऊर्जा और नई सोच का प्रतीक है।”
महुआ सीट से लड़ेंगे निर्दलीय
तेजप्रताप यादव ने दोहराया कि वे महुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि इस सीट से उनका पुराना रिश्ता है और जनता का विश्वास उन्हें बार-बार यहां खींच लाता है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि इस बार वे आरजेडी के उम्मीदवार नहीं, बल्कि निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में होंगे।
बिहार की राजनीति में तेजप्रताप यादव की इस नई पहल को राजद से दूरी और युवाओं पर केंद्रित एक वैकल्पिक राजनीतिक दिशा के रूप में देखा जा रहा है। आगामी विधानसभा चुनावों में ‘टीम तेजप्रताप’ क्या प्रभाव डाल पाएगी, यह तो समय बताएगा, लेकिन फिलहाल उन्होंने सियासी हलचल जरूर तेज कर दी है।