राज्य सरकार ने विकास प्राधिकरणों को दी बड़ी राहत, नई टाउनशिप लाने में तेजी आएगी
लखनऊ, हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:।
उत्तर प्रदेश सरकार ने शहरी क्षेत्रों में नई आवासीय योजनाएं लाने की प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब विकास प्राधिकरणों को मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत कृषि भूमि को आवासीय में बदलने के लिए बार-बार शासन से अनुमति नहीं लेनी होगी। आवास विभाग ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि विकास प्राधिकरण अपने बोर्ड की बैठक में स्वयं भू-उपयोग परिवर्तन का प्रस्ताव पारित कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में 100 नई टाउनशिप विकसित करने के निर्देश दिए हैं। इन परियोजनाओं के लिए अधिकांश भूमि शहरों के बाहरी क्षेत्रों में उपलब्ध हो रही है, जो वर्तमान में कृषि उपयोग में दर्ज है। पहले इन भूमि को आवासीय उपयोग में बदलने के लिए शासन स्तर पर प्रस्ताव भेजना पड़ता था, जिससे योजनाओं में अनावश्यक विलंब हो रहा था। उच्चाधिकारियों की बैठक में इस पर सहमति बनी कि लगातार प्रस्ताव भेजने की आवश्यकता खत्म की जाए, ताकि प्राधिकरण तेजी से योजनाएं शुरू कर सकें।
आवास विभाग ने गोरखपुर, अलीगढ़, आगरा, बरेली, झांसी, अयोध्या, मेरठ, वाराणसी, मुरादाबाद, कानपुर, सहारनपुर, मथुरा-वृंदावन, फिरोजाबाद-शिकोहाबाद, लखनऊ, बुलंदशहर-खुर्जा, बांदा, गाजियाबाद, हापुड़-पिलखुआ, बागपत-खेकड़ा और रामपुर में नई आवासीय योजनाओं के प्रस्ताव पहले ही मंजूर कर दिए हैं। अन्य विकास प्राधिकरणों में भी जल्द यह सुविधा लागू की जाएगी।
निर्देशों के अनुसार, प्राधिकरण उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम-1973 की धारा 13 के तहत कृषि भूमि को आवासीय उपयोग में बदल सकेंगे। हालांकि यह सुविधा केवल मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना की स्वीकृत परियोजनाओं के लिए लागू होगी, जबकि अन्य मामलों में पूर्ववत व्यवस्था ही लागू रहेगी।
विशेष सचिव आवास ने सभी प्राधिकरणों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि समय पर परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए स्वयं भू-उपयोग परिवर्तन सुनिश्चित करें। सरकार को उम्मीद है कि इस कदम से प्रदेश में नई टाउनशिपों के विकास को गति मिलेगी और शहरी आवासीय सुविधाओं का विस्तार तेजी से हो सकेगा।














