हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
बाराबंकी/लखनऊ,। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में खेती का भविष्य अब सचिवालय के कमरों में बैठकर नहीं, बल्कि खेतों में जाकर किसानों से संवाद कर तय किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में कृषि योजनाएं फाइलों तक सीमित रहती थीं और नीतियां कागजों पर बनती थीं, लेकिन वर्तमान सरकार किसानों की वास्तविक समस्याओं को समझने के लिए सीधे खेतों तक पहुंच रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को बाराबंकी जनपद के दौलतपुर ग्राम में पद्मश्री से सम्मानित प्रगतिशील किसान राम सरन वर्मा के फार्म पर आयोजित “प्रगतिशील किसान सम्मेलन” एवं “खेती की बात खेत पर” कार्यक्रम में पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने रबी सत्र की किसान पाठशाला 8.0 का विधिवत शुभारंभ किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने किसानों से सीधे संवाद करते हुए प्रदेश में कृषि क्षेत्र में हो रही प्रगति पर विस्तार से प्रकाश डाला।
उन्होंने बहुफसली खेती, आधुनिक तकनीकी नवाचार, पारदर्शी एमएसपी व्यवस्था और किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि किसान आत्मनिर्भर बने और आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाकर कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त करे।
कार्यक्रम के दौरान प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया तथा विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को चेक और स्वीकृति पत्र प्रदान किए गए। साथ ही प्रदर्शनी में उन्नत किस्मों की फसलें, सब्जियां, आधुनिक कृषि यंत्र और एफपीओ आधारित नवाचारों का अवलोकन किया गया। मुख्यमंत्री ने दौलतपुर की उन्नत खेती को प्रदेश के अन्य जनपदों के लिए प्रेरणास्रोत बताया।













