हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: मंगलवार 17 जून 2025
लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग में स्थानांतरण सत्र के दौरान उच्च स्तर पर बने गतिरोध के कारण एक भी तबादला नहीं हो सका। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने तबादलों से संबंधित सभी फाइलें मुख्यमंत्री के पास भेज दी हैं। अब तबादले तभी संभव होंगे, जब मुख्यमंत्री अपनी सहमति देंगे। सूत्रों के अनुसार, तबादले न होने का प्रमुख कारण माननीयों की सिफारिशों की अनदेखी और विभागीय स्तर पर सहमति का अभाव है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की सूची पर असहमति
सूत्र बताते हैं कि मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) की तबादला सूची पर विभागीय मंत्री और शासन के बीच सहमति नहीं बन पाई। कई माननीयों ने सिफारिशी पत्र भेजे थे, लेकिन शासन ने इनका संज्ञान नहीं लिया। निदेशालय स्तर पर तैयार सूची से भी उप मुख्यमंत्री संतुष्ट नहीं थे। नतीजतन, बाबू से लेकर सीएमओ तक के सैकड़ों तबादले अटक गए।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, स्वास्थ्य महानिदेशक, निदेशक (प्रशासन), निदेशक पैरामेडिकल और निदेशक नर्सिंग ने कार्मिकों के अनुरोध और प्रशासनिक आधार पर तबादला सूचियां तैयार कर उप मुख्यमंत्री को भेजी थीं। लेकिन उप मुख्यमंत्री ने सभी फाइलें मुख्यमंत्री को भेज दीं। 15 जून को स्थानांतरण सत्र समाप्त होने के कारण अब मुख्यमंत्री की स्वीकृति अनिवार्य होगी।
चिकित्सा शिक्षा विभाग में तबादले हुए
दूसरी ओर, चिकित्सा शिक्षा विभाग में उप मुख्यमंत्री ने फाइलों पर सहमति दी, जिसके बाद रविवार को नर्सिंग अधिकारियों और लैब टेक्नीशियनों के तबादले हो गए। इस विभाग के प्रमुख सचिव भी पार्थसारथी सेन शर्मा हैं।
होम्योपैथी निदेशालय के तबादले निरस्त
आयुष विभाग के होम्योपैथी निदेशालय में समूह ख, ग और घ के सभी तबादले निरस्त कर दिए गए। बताया जाता है कि निदेशक प्रो. अरविंद कुमार वर्मा द्वारा किए गए इन तबादलों में स्थानांतरण नीति का पालन नहीं हुआ। तबादलों में लेन-देन की शिकायतें भी आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. दयाशंकर मिश्र दयालु तक पहुंची थीं। मंत्री के आदेश पर सभी तबादला आदेश निरस्त कर दिए गए।