हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 3 मई : 2025,
चुनाव की तैयारी पूरी, तारीखों की घोषणा जल्द
दिल्ली नगर निगम (MCD) के 12 वार्डों में उपचुनाव की घोषणा अब कभी भी हो सकती है। राज्य चुनाव आयोग ने इन उपचुनावों की तैयारी शुरू कर दी है और हाल ही में अधिसूचना जारी कर दी है। 2 मई को आधिकारिक सूत्रों ने जानकारी दी कि आयोग ने इन वार्डों के लिए निर्वाचक रजिस्ट्रेशन अधिकारी नियुक्त कर दिए हैं, जिससे संकेत मिलता है कि चुनाव प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है।
क्यों खाली हुईं ये सीटें?
इन 12 वार्डों की सीटें दिल्ली विधानसभा और लोकसभा चुनावों के कारण खाली हुई हैं। पीटीआई के मुताबिक, बीजेपी पार्षद कमलजीत सेहरावत 2024 के आम चुनावों में लोकसभा सांसद चुनी गईं, जबकि अन्य 11 पार्षद फरवरी 2025 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में विधायक बन गए। इनमें से 3 पार्षद आम आदमी पार्टी (AAP) से और 8 भारतीय जनता पार्टी (BJP) से थे।
मुख्यमंत्री बनीं पूर्व पार्षद
बीजेपी की रेखा गुप्ता, जो शालीमार बाग बी वार्ड से पार्षद थीं, विधानसभा चुनाव में जीतने के बाद अब दिल्ली की मुख्यमंत्री बन चुकी हैं। इससे यह स्पष्ट है कि इन उपचुनावों के परिणाम राजनीतिक समीकरणों को गहराई से प्रभावित कर सकते हैं।
चुनाव आयोग की अधिसूचना
दिल्ली राज्य चुनाव आयुक्त विजय देव ने 28 अप्रैल को जारी अधिसूचना में कहा,
“दिल्ली नगर निगम अधिनियम, 1957 की धारा 7बी के अंतर्गत प्राप्त अधिकारों के तहत, मैं, विजय देव, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का राज्य चुनाव आयुक्त, दिल्ली सरकार से परामर्श कर 12 वार्डों के लिए निर्वाचक रजिस्ट्रेशन अधिकारी नियुक्त करता हूं।”
किन वार्डों में होंगे उपचुनाव?
उपचुनाव जिन वार्डों में प्रस्तावित हैं, वे इस प्रकार हैं:
- मुंडका
- शालीमार बाग बी
- चांदनी चौक
- द्वारका बी
- नारायणा
- संगम विहार ए
- दक्षिणपुरी
(बाकी वार्डों की सूची आयोग द्वारा विस्तृत अधिसूचना में दी गई है।)
राजनीतिक समीकरण पर असर
दिसंबर 2022 में हुए MCD चुनावों में आम आदमी पार्टी ने 134 सीटें जीतकर नगर निगम में बहुमत हासिल किया था, जबकि बीजेपी को 104 सीटों पर जीत मिली थी। इससे बीजेपी का 15 साल पुराना वर्चस्व टूट गया था। लेकिन हाल ही में हुए महापौर चुनावों में बीजेपी ने पलटवार करते हुए महापौर और उपमहापौर दोनों पदों पर कब्जा कर लिया। आम आदमी पार्टी ने इस चुनाव का बहिष्कार किया था, क्योंकि कई पार्षदों के पाला बदलने से पार्टी की स्थिति कमजोर हो गई थी।
निगाहें अब उपचुनाव पर
अब इन 12 खाली सीटों पर होने वाले उपचुनाव दिल्ली नगर निगम की सत्ता संतुलन को पुनः बदल सकते हैं। इन चुनावों के नतीजे न सिर्फ स्थानीय प्रशासन बल्कि आगामी राजनीतिक रणनीतियों पर भी प्रभाव डालेंगे।













