नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश की लहर है। आतंकवाद के खिलाफ अब एक बार फिर राजनीतिक एकजुटता देखने को मिल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार हाई लेवल बैठकों की अध्यक्षता कर रहे हैं। बुधवार (30 अप्रैल, 2025) को प्रधानमंत्री आवास पर चार महत्वपूर्ण बैठकें निर्धारित की गई हैं, जिनमें रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA), चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) और तीनों सेना प्रमुख हिस्सा ले रहे हैं।
जेडीयू का बयान: “भारत नहीं भूलेगा बेगुनाहों की शहादत”
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने इस हमले को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। जेडीयू नेता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा,
“जिन बेगुनाह लोगों की जानें गईं हैं, उनकी शहादतों को हिंदुस्तान कभी नहीं भूल सकता। बड़े कूटनीतिक निर्णय के बाद पूरी दुनिया ने भारत के साथ एकजुटता दिखाई है।”
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लिए जा रहे फैसले निस्संदेह पाकिस्तान के लिए बुरे दिनों की शुरुआत हो सकते हैं।
पीएम मोदी ने सेना को दी खुली छूट
सूत्रों के अनुसार, मंगलवार (29 अप्रैल, 2025) को भी प्रधानमंत्री मोदी ने सुरक्षा से जुड़ी उच्चस्तरीय बैठक की थी, जिसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हुए थे। इस बैठक में पीएम मोदी ने स्पष्ट कहा कि:
“आतंकवाद को करारा जवाब देना भारत का राष्ट्रीय संकल्प है।”
प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों को प्रतिक्रिया का तरीका, लक्ष्य और समय तय करने की पूरी छूट दे दी है। माना जा रहा है कि इस निर्णय के बाद जल्द ही पहल्गाम हमले के जिम्मेदार आतंकियों और उनके साजिशकर्ताओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
विपक्ष को धैर्य रखने की नसीहत
एक सवाल के जवाब में राजीव रंजन प्रसाद ने विपक्ष को धैर्य रखने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि यह समय एकजुटता का है, ना कि राजनीति करने का। वहीं, विपक्षी दलों की ओर से लगातार बयानबाजी हो रही है, जिससे सियासी तापमान भी तेज हो गया है।