हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
साइक्लोन दितवाह ने श्रीलंका में भारी तबाही मचा दी है। तेज बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण हालात बेहद भयावह हो गए हैं। अब तक करीब 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग अब भी लापता हैं। देश के 9.9 लाख से ज्यादा लोग इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए हैं। बढ़ते संकट के बीच भारत पड़ोसी देश की मदद के लिए मसीहा बनकर आगे आया है।

भारत ने ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ के तहत व्यापक राहत और बचाव मिशन शुरू किया है। भारतीय वायुसेना (IAF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के जवान श्रीलंकाई प्रशासन के साथ मिलकर युद्ध स्तर पर लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटे हैं। भारतीय वायुसेना के MI-17 V5 हेलीकॉप्टर को कोलंबो में तैनात किया गया है, जो लगातार प्रभावित इलाकों में उड़ान भर रहे हैं।
आईएएफ ने एक हाइब्रिड रेस्क्यू मिशन के तहत प्रतिबंधित क्षेत्र से यात्रियों को निकालने के लिए गरुड़ कमांडो दल को उतारा। इसके बाद 24 यात्रियों—जिनमें भारतीय, विदेशी नागरिक और श्रीलंकाई शामिल थे—को सुरक्षित कोलंबो पहुंचाया गया। तीन गंभीर रूप से घायल लोगों को भी तुरंत मेडिकल सहायता के लिए एयरलिफ्ट किया गया।

भारत ने राहत सामग्री पहुंचाने में भी तेजी दिखाई है। सी-130J और IL-76 परिवहन विमानों ने कोलंबो में लगभग 21 टन मानवीय सहायता सामग्री पहुंचाई, जिसमें भोजन, दवाइयां और अन्य आवश्यक सामग्री शामिल है। इसके अलावा श्रीलंका की सेना की पांच टीमों को भी भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया है।
श्रीलंका के एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में भारतीय पर्यटक फंसे हुए हैं, जिनके लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। इस बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने हालात को देखते हुए पूरे देश में आपातकाल (इमरजेंसी) की घोषणा कर दी है, ताकि राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी रह सकें।
भारत की इस त्वरित और मानवीय सहायता ने संकट की घड़ी में दोनों देशों के भरोसे और दोस्ती को एक बार फिर मजबूत किया है।













