हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 11 मई : 2025,
लखनऊ, 11 मई 2025:
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने देश की तकनीकी सुरक्षा और इंटरनेट सेवाओं पर सरकार के नियंत्रण की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में जब लगभग हर हाथ में मोबाइल है और समस्त प्रशासनिक, आर्थिक और सामाजिक व्यवस्थाएं इंटरनेट पर आधारित हो गई हैं, ऐसे में कम्युनिकेशन और डेटा ट्रांसफर एक संवेदनशील विषय बन चुका है।
अखिलेश यादव ने कहा, “आज के युग में मोबाइल, जीपीएस और इंटरनेट हमारे जीवन का हिस्सा बन चुके हैं। शासनिक, प्रशासनिक कार्यों से लेकर बैंकिंग और सुरक्षा से जुड़ी हर जानकारी का आदान-प्रदान इंटरनेट पर निर्भर हो गया है। ऐसे में सरकार का तकनीकी सेवाओं पर निर्णायक नियंत्रण होना नितांत आवश्यक है।”
उन्होंने साइबर क्राइम में लगातार हो रही बढ़ोतरी पर चिंता जताते हुए कहा कि आम आदमी इंटरनेट के माध्यम से लगातार ठगी का शिकार हो रहा है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि देश को ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए जिससे आपातकालीन स्थिति में विदेशी तकनीकी कंपनियों पर तत्काल नियंत्रण संभव हो सके।
‘आत्मनिर्भरता ही समाधान’
सपा प्रमुख ने यह भी कहा कि तकनीक का आयात तो किया जा सकता है, लेकिन आत्मनिर्भरता के प्रयास कभी नहीं छोड़ने चाहिए। “दूसरे देशों से तकनीकी ले सकते हैं, लेकिन अगर हमारी कंपनियां महज़ एजेंट बनकर रह गईं तो व्यापार चाहे जितना बढ़े, देश की उत्पादन क्षमता और नवाचार का स्तर गिरता जाएगा।”
सरकार पर एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप
अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एक ओर तो सरकार विदेशी कंपनियों के लिए रेड कारपेट बिछा रही है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय उद्यमियों को अपनी ही एजेंसियों से परेशान कर रही है। “निवेशकों से कमीशन मांगा जाता है, जिससे देश में सकारात्मक व्यापारिक माहौल नहीं बन पा रहा है। जब तक अपने देश के व्यापारियों को सुरक्षित वातावरण नहीं मिलेगा, तब तक रिसर्च और डेवलपमेंट का उचित विकास संभव नहीं है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी चेताया कि चीन जैसे देशों से लगातार आयात करने से देश की पूंजी बाहर जा रही है और इससे देश की आर्थिक आत्मनिर्भरता कमजोर हो रही है।
अंतरराष्ट्रीय संबंधों में स्थायित्व नहीं
अखिलेश यादव ने अपने बयान में यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में स्थायित्व नहीं होता। “किसी भी देश को यह नहीं मान लेना चाहिए कि कोई उसका स्थायी मित्र है। इसलिए तकनीकी क्षेत्र में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और आत्मनिर्भरता पर ज़ोर देना चाहिए।”