हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
भारत और पाकिस्तान ने अरब सागर और सर क्रीक क्षेत्र में एक साथ बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास शुरू कर दिए हैं, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा हलकों में हलचल बढ़ गई है। भारत ने गुजरात और राजस्थान की पश्चिमी सीमाओं पर अपनी तीनों सेनाओं — थल, नौसेना और वायुसेना — के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास ‘त्रिशूल’ शुरू किया है, जो 13 नवंबर तक चलेगा। वहीं पाकिस्तान ने 2 से 5 नवंबर तक उत्तरी अरब सागर में नौसैनिक युद्धाभ्यास शुरू किया है।
भारत का ‘त्रिशूल’ अभियान
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह अभ्यास गुजरात के कच्छ और सर क्रीक क्षेत्र में चल रहा है, जो पाकिस्तान के सिंध प्रांत से सटा है। इसमें लगभग 20,000 सैनिक, 20 से 25 युद्धपोत, 40 लड़ाकू विमान, राफेल, सुखोई-30, आधुनिक पनडुब्बियां और अन्य संसाधन शामिल हैं। वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद ने बताया कि दक्षिणी, पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिमी कमानों की सेनाएं इसमें हिस्सा ले रही हैं।
रक्षा विशेषज्ञ राहुल बेदी के अनुसार, यह अभ्यास ऑपरेशन सिंदूर के बाद सबसे बड़ा और एडवांस प्रशिक्षण मिशन है। इसका उद्देश्य तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल और नेटवर्क तैयार करना है, जिससे किसी भी संकट में त्वरित कार्रवाई हो सके।
पाकिस्तान का समुद्री अभ्यास
दूसरी ओर, पाकिस्तानी नौसेना ने कराची से लेकर अरब सागर तक 6,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फायरिंग अभ्यास की घोषणा की है। यह अभ्यास पाकिस्तान इंटरनेशनल मैरीटाइम एक्सपो एंड कॉन्फ्रेंस का हिस्सा है, जिसमें 44 देशों के 133 प्रतिनिधि शामिल हैं। नौसेना प्रमुख एडमिरल नवीद अशरफ़ ने सर क्रीक चौकियों का दौरा कर तैयारियों की समीक्षा की और कहा कि पाकिस्तान “सर क्रीक से जिवानी तक” अपनी समुद्री सीमाओं की रक्षा करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
भौगोलिक ओवरलैप और विशेषज्ञों की राय
अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक डेमियन साइमन के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के अभ्यास क्षेत्र कुछ हिस्सों में ओवरलैप कर रहे हैं, लेकिन दोनों पक्षों के समन्वय से किसी दुर्घटना की आशंका नहीं है।
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में पाकिस्तान पर सर क्रीक में सैन्य ढांचे विस्तार का आरोप लगाया था और चेताया था कि किसी भी दुस्साहस का निर्णायक जवाब दिया जाएगा।
वहीं रक्षा विशेषज्ञ प्रवीण साहनी का कहना है कि “त्रिशूल” एक रूटीन वार्षिक अभ्यास है, जिसका सर क्रीक विवाद से प्रत्यक्ष संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इस अभ्यास के ज़रिए भारत की सामरिक ताकत का प्रदर्शन कर रही है, जबकि पाकिस्तान ने एहतियात के तौर पर अपना अभ्यास शुरू किया है।
क्षेत्रीय और रणनीतिक संदर्भ
साहनी के अनुसार, इस समुद्री क्षेत्र में ईरान, चीन, रूस जैसी अन्य शक्तियों की मौजूदगी इसे संवेदनशील बनाती है। उन्होंने चेताया कि अगर इस क्षेत्र में कोई गंभीर सैन्य कदम उठाया गया, तो यह “क्षेत्रीय युद्ध” का रूप ले सकता है।
इस बीच, भारतीय सेना ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में भी चीन और म्यांमार सीमा के पास हवाई अभ्यास की तैयारी के लिए NOTAM अलर्ट जारी किया है।
भारत और पाकिस्तान दोनों के ये अभ्यास अपने-अपने दृष्टिकोण से सामान्य सैन्य तैयारी के रूप में पेश किए जा रहे हैं, लेकिन इनका समय, स्थान और पैमाना यह संकेत देते हैं कि दोनों पड़ोसी देश बदलते भू-राजनीतिक माहौल में अपनी सैन्य तत्परता का प्रदर्शन कर रहे हैं।













