हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 30 अप्रैल: 2025,
पहलगाम आतंकी हमले के बाद बड़ी जिम्मेदारी, पूरे देश की नजर वायुसेना पर
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत की सुरक्षा व्यवस्था और तीनों सेनाओं की सक्रियता पर पूरी दुनिया की नजर टिकी हुई है। इस हमले में 26 आम नागरिकों की जान गई थी और हमले में पाकिस्तान का हाथ होने की आशंका जताई गई है। ऐसे संवेदनशील समय में भारतीय वायुसेना के उप प्रमुख के रूप में नर्मदेश्वर तिवारी की नियुक्ति बेहद अहम मानी जा रही है।
बिहार के सीवान जिले से नर्मदेश्वर तिवारी, पूरे गांव में खुशी की लहर
भारतीय वायुसेना के नए वाइस चीफ नर्मदेश्वर तिवारी बिहार के सीवान जिले के गुठनी थाना क्षेत्र के सिकलपुर गांव के रहने वाले हैं। जैसे ही उनकी नियुक्ति की खबर मंगलवार देर रात सामने आई, उनके गांव में जश्न का माहौल बन गया। ग्रामीणों और परिजनों ने मिठाइयाँ बांटी और एक-दूसरे को बधाइयाँ दीं। गांववाले गर्व से कह रहे हैं कि अब बिहार देश की रक्षा में और भी अहम भूमिका निभाएगा।
देशरत्न राजेंद्र प्रसाद की धरती से निकले नए वीर
सीवान, जो देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जन्मभूमि रही है, एक बार फिर देश की सेवा में बड़ा योगदान दे रहा है। नर्मदेश्वर तिवारी की यह उपलब्धि न सिर्फ उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे राज्य के लिए गर्व का क्षण है।
1 मई को संभालेंगे पदभार, एयर मार्शल सुजीत पुष्पकर धारकर होंगे रिटायर
एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी 1 मई को भारतीय वायुसेना के उप प्रमुख के पद का कार्यभार संभालेंगे। वर्तमान वाइस चीफ एयर मार्शल सुजीत पुष्पकर धारकर 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उन्होंने भारतीय वायुसेना में 40 वर्षों तक सेवा दी है।
सीमा पर तनाव, पाकिस्तान को चेतावनी के संकेत
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। पाकिस्तान को सिंधु नदी से पानी की आपूर्ति रोकने जैसे कदम उठाए गए हैं। सीमाओं पर तनाव की स्थिति बनी हुई है और वायुसेना की जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है। ऐसे में नर्मदेश्वर तिवारी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है।
देशवासियों की उम्मीदें, बिहार की बढ़ी जिम्मेदारी
नर्मदेश्वर तिवारी की नियुक्ति से देशभर में उम्मीद की नई किरण जगी है। लोग आशा कर रहे हैं कि भारत अब आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देगा और वायुसेना की कार्रवाई निर्णायक साबित होगी। सीवान के लोगों का कहना है कि यह सिर्फ एक नियुक्ति नहीं, बल्कि बिहार की ताकत और योगदान की पहचान है।