संसद मार्ग मस्जिद में सियासी बैठक पर बवाल, इमाम को हटाने की मांग
राजनीतिक सभा के आयोजन पर धार्मिक भावनाएं आहत होने का आरोप
नई दिल्ली, 27 जुलाई 2025 — राजधानी दिल्ली के संसद मार्ग स्थित मस्जिद में समाजवादी पार्टी द्वारा आयोजित एक बैठक को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस मामले में मस्जिद के वर्तमान इमाम मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी को हटाने की मांग की जा रही है। आरोप है कि मस्जिद जैसी पवित्र धार्मिक जगह का उपयोग राजनीतिक मकसद से किया गया, जिससे मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में हाल ही में संसद मार्ग मस्जिद के भीतर एक सियासी बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें धर्मेंद्र यादव, डिंपल यादव, जियाउर्रहमान बर्क समेत अन्य वरिष्ठ सपा नेताओं ने भाग लिया। यह मीटिंग मस्जिद परिसर के भीतर हुई, जिससे कई समुदायों में असंतोष उत्पन्न हुआ है।
मस्जिद के अंदर नापाक और नजिश लोग नही आ सकते है। मस्जिद मे सिर्फ वही लोग आ सकते है जो पाक हो,
जबकि मस्जिद के अंदर वो लोग भी बैठे हुए है जो पेंट शर्ट पहनकर खड़े होकर पेशाब करते हैं, उस नापाक पेशाब
की नजिश छींटे पेंट पर पड़ती है, फिर वही पेट पहनने वाले लोग मस्जिद के अंदर आकर बैठे

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी (कसगरान, बरेली शरीफ़, उत्तर प्रदेश) ने इस विषय में दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता को पत्र भेजकर कड़ी आपत्ति जताई है।
उन्होंने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की अगुवाई में मस्जिद परिसर के अंदर एक सियासी बैठक आयोजित की गई, जिसमें डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव, जियाउर्रहमान बर्क समेत अन्य नेता भी शामिल हुए। इस बैठक का आयोजन मस्जिद के इमाम मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी की जानकारी और सहमति से किया गया, जिससे मस्जिद की धार्मिक पवित्रता भंग हुई है।
मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने पत्र में यह भी लिखा कि मस्जिद जैसे पवित्र स्थल का इस्तेमाल राजनीतिक मंच के रूप में करना न केवल इस्लामिक शिक्षाओं के विरुद्ध है, बल्कि इससे देश के मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं भी आहत हुई हैं। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि बैठक में अशुद्ध अवस्था में लोग मौजूद थे, और महिलाओं की भी मस्जिद में उपस्थिति हुई जो शरीयत के विरुद्ध है।
पत्र में उन्होंने मांग की है कि मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी को तत्काल इमामत से हटाया जाए और उनकी जगह किसी गैर-राजनीतिक व सूफी विचारधारा वाले व्यक्ति को इमाम नियुक्त किया जाए।
दिल्ली की मुख्यमंत्री को संबोधित कर यह मांग की है कि मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी को इमाम के पद से तत्काल हटाया जाए और उनकी जगह किसी सूफी विचारधारा वाले, गैर-राजनीतिक व्यक्ति को नियुक्त किया जाए। उनका कहना है कि संसद मार्ग स्थित यह मस्जिद लोकसभा सचिवालय की निगरानी में है और दिल्ली सरकार के अधीन आती है, इसलिए सरकार को इस मुद्दे में दखल देना चाहिए।
आग्रह किया है कि इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में धार्मिक स्थलों का राजनीतिकरण रोका जा सके और आम मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं की रक्षा की जा सके।
फिलहाल सरकार की ओर से इस विषय पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन मस्जिदों में राजनीतिक गतिविधियों को लेकर उठे इस नए विवाद ने धार्मिक स्थलों के दायरे और उपयोग को लेकर एक बार फिर बहस को जन्म दे दिया है।