हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
पुणे, 30 नवम्बर (भाषा)। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने रविवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर भारतीय नौसेना की निरंतर युद्ध तैयारी और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता का सबसे सशक्त उदाहरण बनकर सामने आया है। उन्होंने बताया कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद मात्र 96 घंटों में भारतीय नौसेना ने जहाजों की तैनाती, व्यापक हथियारों की फायरिंग और आक्रामक युद्धाभ्यास करते हुए पाकिस्तानी बेड़े को उसके तटीय क्षेत्रों और बंदरगाहों में सीमित कर दिया।
पुणे में नौसेना फाउंडेशन के ‘एडमिरल जेजी नाडकर्णी स्मारक व्याख्यान’ में बोलते हुए एडमिरल त्रिपाठी ने कहा, “जब वैश्विक समुद्र में अस्थिरता होती है, दुनिया एक स्थिर शक्ति की ओर देखती है। भारत यह जिम्मेदारी निभाने में सक्षम है और नौसेना की समुद्री गतिविधियां इसका प्रमाण हैं।”
उन्होंने कहा कि युद्ध अब बिना पूर्व सूचना के भी हो सकते हैं, इसलिए निरंतर ऑपरेशनल रेडीनेस समय की आवश्यकता है। ऑपरेशन सिंदूर इस नई रणनीतिक वास्तविकता का प्रतीक है। इस ऑपरेशन में भारतीय नौसेना का कैरियर बैटल ग्रुप उत्तरी हिंद महासागर में प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराता रहा, जिससे पाकिस्तान नौसेना की गतिविधियां अपने तट तक सिमट गईं।
एडमिरल त्रिपाठी ने कहा, “हमारी तैयारी ने न केवल देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा की क्षमता का संदेश दिया, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि भारत समुद्र से किसी भी स्थिति में मजबूत सैन्य शक्ति उपलब्ध करा सकता है।”
उन्होंने बताया कि पहलगाम आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, के बाद भारत ने मई में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। यह ऑपरेशन आधुनिक समुद्री युद्ध, हथियारों के उपयोग और त्वरित सामरिक प्रतिक्रिया का उत्कृष्ट उदाहरण है।
नौसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि आज गैर-सरकारी संगठन और समूह भी ऐसे हथियारों और रणनीतियों का उपयोग कर रहे हैं जो पहले केवल राष्ट्र-स्तरीय संघर्षों का हिस्सा थे। इसलिए नौसेना की हर इकाई को युद्धक भूमिकाओं के साथ-साथ समुद्री सुरक्षा, पुलिसिंग और आपात प्रतिक्रिया के लिए भी तैयार रहना होगा।
एडमिरल त्रिपाठी ने बताया कि भारतीय नौसेना हिंद-प्रशांत में सक्रिय रूप से काम कर रही है और समुद्री डकैती, आपात स्थितियों तथा अन्य चुनौतियों पर जहाजों या चालक दल की राष्ट्रीयता से परे जाकर प्रतिक्रिया दे रही है।













