हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: शुक्रवार 27 जून 2025
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से संबद्ध 70 कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी गई है। इनमें 67 बीएड, दो बीपीएड और एक एमएड कॉलेज शामिल हैं। राष्ट्रीय परिषद् शिक्षक शिक्षा (एनसीटीई) की रिपोर्ट के आधार पर इन कॉलेजों को 2025-26 सत्र से प्रवेश प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन कॉलेजों को मान्यता रद्द करते हुए आदेश जारी किया है। अब ये कॉलेज आगामी काउंसलिंग प्रक्रिया में सम्मिलित नहीं हो सकेंगे, जिससे बीएड की सीटों की कुल संख्या पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।
2200 से अधिक कॉलेजों की मान्यता रद्द
एनसीटीई ने देशभर के बीएड, एमएड और बीपीएड पाठ्यक्रमों की गुणवत्ता जांच के बाद 2200 से अधिक कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है। इसके तहत डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 70 कॉलेजों की मान्यता रद्द की गई, जिनमें अधिकांश केवल बीएड संचालित करते थे। आदेशानुसार, इन कॉलेजों में सत्र 2025-26 से प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।
पीएआर रिपोर्ट न देने पर की गई कार्रवाई
एनसीटीई ने गुणवत्ता जांच के लिए कॉलेजों से परफॉर्मेंस एप्रेजल रिपोर्ट (PAR) मांगी थी। सत्र 2021-22 और 2022-23 की रिपोर्ट समय से न देने पर, एनसीटीई एक्ट 1993 की धारा 17(1) के अंतर्गत कार्रवाई की गई। कई बार नोटिस के बावजूद रिपोर्ट न मिलने पर कॉलेजों की मान्यता रद्द की गई है।
फर्जी शिक्षकों और डमी कॉलेजों पर भी कार्रवाई
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत एनसीटीई ने फर्जी शिक्षण संस्थाओं और डमी कॉलेजों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की है। कई कॉलेजों में पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर, योग्य शिक्षक या वास्तविक छात्र नहीं पाए गए। कुछ संस्थान सिर्फ नामांकन के आधार पर मान्यता दिखाकर संचालित हो रहे थे। ऐसे कॉलेजों को भी जांच के दायरे में लाया गया है और भविष्य में और भी संस्थाएं कार्रवाई की जद में आ सकती हैं।