हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑15 मई : 2025
कानपुर: गोरखपुर से कानपुर चिड़ियाघर लाए गए प्रसिद्ध शेर ‘पटौदी’ की मौत हो गई है। शेर ने कुछ दिन पहले खाना छोड़ दिया था और बहुत कम पानी पी रहा था। उसकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी, जिस कारण उसे ड्रिप के जरिए दवाई दी जा रही थी। कानपुर चिड़ियाघर के अधिकारियों ने बताया कि पटौदी की मौत के बाद उसके खून के नमूने राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भोपाल भेजे गए हैं, जहां उनकी जांच की जा रही है। इससे यह पता चलेगा कि शेर को बर्ड फ्लू (पक्षी ज्वर) था या नहीं।
शेर की मौत के बाद चिड़ियाघर में अलर्ट जारी कर दिया गया है। पूरे परिसर को सेनीटाइज किया जा रहा है और सभी जानवरों की स्वास्थ्य स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि नियमित जांच और सतर्कता जारी है ताकि किसी भी तरह की बीमारी के फैलाव को रोका जा सके।
पटौदी लगभग 15 वर्ष का था, जो शेरों की औसत आयु के करीब है। गोरखपुर के चिड़ियाघर में उसकी हालत पहले से ही गंभीर थी। उसकी लीवर में संक्रमण पाया गया था, जिसके चलते उसकी सेहत लगातार खराब होती गई। गोरखपुर में उसका इलाज बरेली स्थित इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट की टीम कर रही थी, लेकिन हालात में सुधार नहीं हो पाया।
प्रदेश के पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना के निर्देश पर रविवार को पटौदी को बेहतर इलाज के लिए कानपुर चिड़ियाघर लाया गया था। दुर्भाग्यवश, वहां भी उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और वह चल बसा।
इस मामले में गंभीर बात यह है कि गोरखपुर चिड़ियाघर में पहले ही एक बाघिन ‘शक्ति’ की मौत हो चुकी है, जिसकी विसरा जांच में राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भोपाल से बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। इस वजह से विशेषज्ञों को शक है कि पटौदी को भी बर्ड फ्लू हो सकता है।
भोपाल से जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि शेर की मौत बर्ड फ्लू के कारण हुई या अन्य किसी संक्रमण से। चिड़ियाघर प्रबंधन ने सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल अपनाए हैं और परिसर में जाने वाले सभी व्यक्तियों को निर्देशित किया गया है कि वे संक्रमण से बचाव के लिए सतर्कता बरतें।
कानपुर चिड़ियाघर के अधीक्षक ने कहा, “हमने पूरे परिसर को सेनीटाइज कर दिया है और जानवरों की निगरानी बढ़ा दी है। किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाव के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जा रहे हैं। जनता से भी अनुरोध है कि वे चिड़ियाघर में जाने से पहले और बाद में साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें।”
वहीं, पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने भी कहा कि पशु सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है और इस मामले में सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। बर्ड फ्लू जैसी घातक बीमारी से निपटने के लिए जल्द ही विस्तृत कार्रवाई की जाएगी।
पटौदी शेर की मौत और बाघिन शक्ति में बर्ड फ्लू पाए जाने से कानपुर व गोरखपुर के चिड़ियाघरों में चिंता का माहौल है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी, लेकिन अब तक की जानकारी के अनुसार चिड़ियाघर प्रबंधन सतर्कता के साथ बीमारी के प्रसार को रोकने के प्रयास में लगा हुआ है। जनता से भी सहयोग की अपील की गई है।