हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: बुधवार 11 जून 2025
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के टीईटी पास शिक्षामित्रों ने स्थायी नौकरी की मांग को लेकर अपने आंदोलन को और तेज करने का फैसला किया है। शिक्षक/शिक्षामित्र उत्थान समिति के बैनर तले 27 मई से लखनऊ के ईको गार्डेन में धरना दे रहे शिक्षामित्रों ने शासन की उदासीनता से नाराज होकर बुधवार (11 जून, 2025) से बड़े स्तर पर प्रदर्शन शुरू करने की घोषणा की है। समिति ने प्रदेश के विभिन्न जिलों से टीईटी पास शिक्षामित्रों को राजधानी में जुटने का आह्वान किया है।
समिति के प्रदेश अध्यक्ष गुड्डू सिंह ने कहा कि तपती धूप में 15 दिनों से धरना देने के बावजूद शासन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के करीब 50,000 शिक्षामित्र, जो टीईटी/सीटीईटी पास हैं और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCTE) के मानकों के अनुसार पूरी तरह योग्य हैं, लंबे समय से स्थायी नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। उनकी मांग है कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर यूपी में भी टीईटी पास शिक्षामित्रों को स्थायी किया जाए। साथ ही, बिना टीईटी वाले शिक्षामित्रों को योग्यता पूरी करने का मौका देकर स्थायी नौकरी दी जाए।
गुड्डू सिंह ने कहा, “विद्यालयों में समर कैंप खत्म हो चुके हैं। अब सभी शिक्षामित्रों से अपील है कि वे ईको गार्डेन में जुटें और अपनी मांगों को बुलंद करें।” धरने में शामिल शिक्षामित्रों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन के साथ-साथ सुंदरकांड पाठ जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किए हैं, ताकि सरकार का ध्यान उनकी मांगों की ओर आकर्षित हो।
परस्पर तबादले वाले शिक्षकों को 15 जून तक कार्यमुक्त करने के निर्देश
उधर, बेसिक शिक्षा परिषद ने परिषदीय विद्यालयों में जिले के अंदर परस्पर तबादला पाने वाले 9,272 शिक्षकों को कार्यमुक्त करने और कार्यभार ग्रहण कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। परिषद के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को निर्देश दिए हैं कि 15 जून तक यह प्रक्रिया पूरी की जाए।
तिवारी ने कहा कि तबादले आपसी सहमति के आधार पर किए गए हैं। बीएसए को शिक्षकों के अभिलेखों, विषय, काडर और पदनाम का परीक्षण करने के बाद नियमानुसार कार्यवाही करनी होगी। केवल नियमित रूप से कार्यरत शिक्षकों को ही कार्यमुक्त किया जाएगा। जिन शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही चल रही है, उन्हें कार्यवाही पूरी होने के बाद ही कार्यमुक्त किया जाएगा।
तबादले ग्रामीण सेवा संवर्ग से ग्रामीण और नगर सेवा संवर्ग से नगर सेवा संवर्ग में होंगे। परिषद ने चेतावनी दी है कि तबादला प्रक्रिया में किसी भी तरह की अनियमितता या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और इसके लिए संबंधित बीएसए जिम्मेदार होंगे।
शिक्षामित्रों का दर्द: 11 महीने का वेतन, वह भी मात्र 10 हजार
प्रदर्शनकारी शिक्षामित्रों ने बताया कि प्रदेश में 50,000 से अधिक शिक्षामित्रों को केवल 11 महीने का वेतन मिलता है, जो मात्र 10,000 रुपये है। चिलचिलाती धूप में ईको गार्डेन में प्रदर्शन कर रहे शिक्षामित्रों ने सरकार से स्थायी नौकरी और बेहतर वेतन की मांग की है। उन्होंने कहा कि उनकी योग्यता और मेहनत को नजरअंदाज किया जा रहा है।