अलीगढ़, हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
फरीदाबाद स्थित धौज के अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल के खुलासे के बाद देशभर की सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड में आ गई हैं। जांच में सामने आया है कि अलीगढ़ से डॉ. परवेज और डॉ. शाहीन का सीधा कनेक्शन जुड़ चुका है। इनपुट के अनुसार यूनिवर्सिटी द्वारा अलीगढ़ में कैंपस प्लेसमेंट और एडमिशन कैंप लगाए जाने की जानकारी भी सामने आई है। इतना ही नहीं, यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जावेद अहमद सिद्दीकी भी कई दिनों तक अलीगढ़ में रुके थे। अब एजेंसियां यह खंगाल रही हैं कि उनका संपर्क किन लोगों से रहा।

जांच में यह भी सामने आया है कि एएमयू, तिब्बिया कॉलेज समेत अन्य संस्थानों से छात्रों को जोड़ने की योजना थी। इसी बीच एक बड़ा खुलासा यह भी हुआ कि दिल्ली विस्फोट मामले में पकड़े गए आरोपी आरिफ मीर के करीबी, एएमयू जेएन मेडिकल कॉलेज के एमडी कार्डियोलॉजी छात्र डॉ. यासिर हुसैन का नाम भी सामने आया है। जुलाई में दाखिला लेने के बाद वह सिविल लाइन क्षेत्र में रहता है। यासिर ने ही आरिफ को कानपुर में किराए का कमरा दिलाया था। कुछ महीने कानपुर में रहने के बाद वह अलीगढ़ लौट आया था। अब एजेंसियां उसके सभी संपर्कों की जांच कर रही हैं।
इसी मामले पर मंगलवार को प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री रघुराज सिंह ने विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि “जितना अधिक पढ़ा मुसलमान है, उतना बड़ा आतंकवादी है”। साथ ही एएमयू को आतंकियों का अड्डा बताया। उनका कहना था कि देश में पकड़े गए अधिकतर आतंकवादी मदरसों और मस्जिदों से जुड़े होते हैं, इसलिए इन्हें बंद कर देना चाहिए।
इधर, सुरक्षा एजेंसियों को यह भी इनपुट मिला है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने यहां प्लेसमेंट और एडमिशन के लिए कैंप लगाया था और कई छात्र उनसे जुड़े थे। वहीं, डॉ. परवेज और डॉ. शाहीन के अलीगढ़-हाथरस में तबलीगी जमात की गतिविधियों के भी इनपुट मिल चुके हैं। पूरे मामले की गहन छानबीन जारी है।













