हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
संसद का शीतकालीन सत्र आज 1 दिसंबर से शुरू हो रहा है और इसके पहले ही माहौल गरमाता दिखाई दे रहा है। विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर ली है। सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी सहित कई विपक्षी दलों ने SIR पर विस्तृत चर्चा की मांग उठाई। विपक्ष का कहना है कि जब तक SIR पर स्वतंत्र चर्चा नहीं कराई जाती, तब तक सदन की कार्यवाही सुचारू चल पाना मुश्किल है।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बैठक के बाद कहा कि लोकतंत्र में मतभेद स्वाभाविक हैं, परंतु गतिरोध पैदा न करना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष के साथ मिलकर सदन को सुचारू रूप से चलाने के प्रयास करेगी। रिजिजू ने यह भी कहा कि कुछ नेताओं के बयानों को समूचे विपक्ष का स्टैंड नहीं माना जाना चाहिए।
विपक्ष की प्रमुख मांगें
सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने दिल्ली विस्फोट के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा, वायु प्रदूषण, किसानों की स्थिति, विदेश नीति, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की मांग रखी। बैठक में कुल 36 राजनीतिक दलों के 50 नेता शामिल हुए। सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू मौजूद रहे।
कौन-कौन से विधेयक होंगे पेश
सरकार ने इस सत्र में कुल नौ आर्थिक विधेयक सूचीबद्ध किए हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है बीमा कानून (संशोधन) विधेयक 2025, जिसके तहत बीमा क्षेत्र में FDI की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% करने का प्रस्ताव है। अब तक बीमा क्षेत्र में 82,000 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश आ चुका है।
इसके अलावा, केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक 2025 और “स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर” विधेयक 2025 भी महत्वपूर्ण हैं। ये विधेयक तंबाकू और पान मसाला जैसे उत्पादों पर लगने वाले कर और उपकर की व्यवस्था में बदलाव लाएंगे। इससे जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर की जगह नई कर व्यवस्था लागू होगी।
साथ ही, प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक 2025 को भी पेश किया जाएगा, जिसका उद्देश्य प्रतिभूति बाजार को एकीकृत और सरल बनाना है। दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (संशोधन) विधेयक, मणिपुर GST संशोधन विधेयक, राष्ट्रीय राजमार्ग (संशोधन) विधेयक और कॉर्पोरेट कानून (संशोधन) विधेयक भी सूची में शामिल हैं।
सरकार का कहना है कि वह सत्र को सफल और उत्पादक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। अब देखना यह होगा कि SIR पर टकराव के बीच यह सत्र कितना सुचारू रूप से चल पाता है।













