हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश बोर्ड ने 170 स्कूलों की मान्यता खतरे में डाल दी है। बोर्ड की ओर से तैयार की गई सूची में ऐसे स्कूल शामिल हैं, जहां लगातार पिछले तीन सालों से एक भी छात्र का नामांकन नहीं हुआ है। इन स्कूलों में सबसे अधिक वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय से जुड़े जिलों के 51 स्कूल हैं, जबकि प्रयागराज क्षेत्र के 45 और मेरठ क्षेत्र के 39 स्कूल सूची में शामिल हैं। इसके अलावा बरेली के 22 और गोरखपुर के 13 स्कूल भी डिफाल्टर सूची में शामिल हैं।
प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय के सचिव कमलेश कुमार ने बताया कि कानपुर नगर के 13 और लखनऊ के 12 स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है। इन स्कूलों से लगातार तीन साल तक शून्य नामांकन रहने के कारण कारण पूछा गया है। वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय अंतर्गत जिलों में आजमगढ़ में 11, गाजीपुर में 10, अयोध्या में 7, मऊ में 5 और बलिया में 4 स्कूलों की मान्यता खतरे में है। मेरठ क्षेत्र के एटा के 9 स्कूल, आगरा और फिरोजाबाद के 5-5 स्कूल भी सूची में शामिल हैं।
सूची में शामिल सभी डिफाल्टर स्कूल वित्तविहीन हैं। यदि नोटिस के जवाब में शून्य नामांकन का वाजिब कारण नहीं मिलता है, तो बोर्ड इन स्कूलों की मान्यता को निरस्त करने की कार्रवाई करेगा। बोर्ड का कहना है कि यह कदम शिक्षा के मानक और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
बोर्ड ने स्पष्ट किया कि छात्रों की संख्या शून्य रहने पर यह सख्ती अनिवार्य है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे स्कूलों का संचालन शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है, इसलिए समय रहते सुधार की चेतावनी दी जा रही है।
इस प्रक्रिया के तहत अब बोर्ड की ओर से स्कूलों को नोटिस जारी किया जाएगा और कारण जानने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय होगी। इससे स्पष्ट होता है कि यूपी बोर्ड केवल उन स्कूलों को मान्यता देगा, जो छात्रों को उचित शिक्षा प्रदान करने में सक्रिय हैं।