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गंगा एक्सप्रेसवे पर सफर अब होगा ज्यादा आरामदायक और सुरक्षित, योगी सरकार ने अपनाई स्विस तकनीक

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 4 मई : 2025,

निर्माण के दौरान ही होगी सड़क की गुणवत्ता की जांच, गड़बड़ी सामने आते ही होगा तुरंत सुधार

उत्तर प्रदेश की महत्वाकांक्षी गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना अब और अधिक सुरक्षित, टिकाऊ और आरामदायक बनने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पहली बार स्विट्जरलैंड की अत्याधुनिक तकनीक को सड़क निर्माण में शामिल किया है।

ETH ज्यूरिख और RTDT लैब्स से हुआ करार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सेंसर से होगी सड़क की जांच

उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) के एसीईओ हरि प्रताप शाही ने बताया कि सड़क निर्माण की गुणवत्ता जांच के लिए एक इनोवा वाहन को सात हाईटेक सेंसर से लैस किया गया है। ये वाहन सड़क की सतह, उबड़-खाबड़पन और ‘कम्फर्ट लेवल’ का डेटा रीयल टाइम में जुटाता है।

594 किलोमीटर लंबा होगा गंगा एक्सप्रेसवे, मेरठ से प्रयागराज तक जोड़ेगा 12 जिले

गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ से शुरू होकर प्रयागराज तक फैलेगा और कुल 594 किलोमीटर लंबा होगा। भविष्य में इसे बलिया तक बढ़ाया जाएगा, जिससे यह भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बन जाएगा। परियोजना का उद्देश्य पश्चिम और पूर्वी उत्तर प्रदेश को तेज़, सुरक्षित और कनेक्टेड बनाना है।

पहले होता था निर्माण के बाद सुधार, अब गड़बड़ी तुरंत होगी ठीक

शाही ने बताया कि पहले सड़क पूरी बनने के बाद ही उसकी गुणवत्ता जांच होती थी, जिससे सुधार महंगा और कठिन होता था। अब स्विस तकनीक से निर्माण के दौरान ही सारी खामियां सामने आ जाती हैं और तुरंत सुधार संभव हो जाता है।

अब गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे में भी होगी हाईटेक तकनीक की एंट्री

गंगा एक्सप्रेसवे में मिली सफलता के बाद अब गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर भी इस स्विस तकनीक को लागू करने की योजना है। यह एक्सप्रेसवे 91 किलोमीटर लंबा होगा और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से गोरखपुर को जोड़ेगा।

‘एक्सप्रेस प्रदेश’ की दिशा में तेजी से बढ़ रहा उत्तर प्रदेश

योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश को ‘एक्सप्रेस प्रदेश’ के रूप में स्थापित करने के लक्ष्य पर तेजी से काम कर रही है। पूर्वांचल, बुंदेलखंड, गोरखपुर लिंक और अब गंगा एक्सप्रेसवे जैसे प्रोजेक्टों से आधुनिक सड़क नेटवर्क बन रहा है।

स्विस तकनीक से मिलेगा सफर में भरोसा और आराम

इस हाईटेक तकनीक से जहां सड़कें लंबी उम्र तक चलेंगी, वहीं यात्रियों को आरामदायक सफर का भरोसा भी मिलेगा। यह उत्तर प्रदेश में तकनीकी नवाचार और विकास का एक नया मॉडल बनकर उभरा है।

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