हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
राज्य सरकार ने शिक्षामित्रों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए मूल विद्यालय में वापसी, स्थानांतरण और समायोजन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मंगलवार को जारी आदेश के बाद करीब 1 लाख 45 हजार 495 शिक्षामित्रों में से लगभग 40 हजार को सीधा लाभ मिलने की संभावना है। विशेष रूप से वे महिला शिक्षामित्र, जो विवाह के बाद दूसरे जिलों में स्थानांतरित हो गई थीं, अब अपने मूल विद्यालय या निकटस्थ विद्यालय में तैनाती प्राप्त कर सकेंगी।
नए शासनादेश के अनुसार पूरी प्रक्रिया ऑफलाइन होगी। पहले चरण में सभी जिलों में तैनात शिक्षामित्रों से विकल्प-सूचनाएं प्राप्त की जाएंगी। विकल्पों के परीक्षण और मूल्यांकन के बाद उन्हें मूल विद्यालय में वापसी, स्थानांतरण या समायोजन का लाभ दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ ने इस आदेश पर जल्द अमल की मांग की है। संघ के अध्यक्ष शिव शुक्ला ने कहा कि सरकार को इसे शीघ्र लागू कर शिक्षामित्रों को राहत देनी चाहिए।
शासनादेश में यह स्पष्ट किया गया है कि जो शिक्षामित्र अपनी वर्तमान तैनाती पर ही बने रहना चाहते हैं, उन्हें वहीं रखा जाएगा। दूसरी ओर, जो पुरुष या अविवाहित महिला शिक्षामित्र अपने मूल विद्यालय में तैनाती चाहते हैं और वहां रिक्ति उपलब्ध है, तो उन्हें वहीं भेजा जाएगा। यदि मूल विद्यालय में पद रिक्त न हो, तो उसी ग्राम सभा, ग्राम पंचायत या वार्ड के किसी अन्य विद्यालय में तैनाती दी जाएगी।
यह निर्णय हजारों शिक्षामित्रों के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है और शिक्षा व्यवस्था में स्थिरता लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।














