हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 12 मई : 2025,
लखनऊ, 12 मई — उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा बीते आठ वर्षों में किए गए कठोर और निर्णायक कदमों के परिणाम अब स्पष्ट रूप से सामने आने लगे हैं। आतंकवाद, घुसपैठ, टेरर फंडिंग और धर्मांतरण जैसे गंभीर मामलों में योगी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ ने प्रदेश को एक नया सुरक्षा मॉडल प्रदान किया है। एटीएस की कार्रवाइयों के दम पर प्रदेश न केवल आतंकवादियों की पनाहगाह बनने से बचा, बल्कि अब वह उनके सफाए का मैदान बन चुका है।
142 स्लीपिंग मॉड्यूल पर कार्रवाई, 1 आतंकवादी ढेर
2017 से लेकर 2025 तक, उत्तर प्रदेश में आतंकवादी संगठनों के नेटवर्क पर जबरदस्त कार्रवाई की गई। योगी सरकार की निगरानी में कार्य कर रही एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) ने इस दौरान 142 स्लीपिंग मॉड्यूल्स को गिरफ्तार किया। इनमें से 131 मॉड्यूल्स प्रदेश में एक्टिव होकर आतंकियों को पनाह देने और गोपनीय सूचनाएं भेजने का काम कर रहे थे। वहीं, एक आतंकवादी को एटीएस ने मुठभेड़ में मार गिराया। इसके अतिरिक्त आतंकवादी संगठनों को फंडिंग उपलब्ध कराने वाले 11 स्लीपिंग मॉड्यूल्स को भी दबोच कर सलाखों के पीछे पहुंचाया गया।
आईएसआईएस, अल-कायदा, सिमी, पीएफआई जैसे संगठनों से जुड़े थे मॉड्यूल
गिरफ्तार किए गए स्लीपिंग मॉड्यूल्स के तार जिन आतंकवादी संगठनों से जुड़े पाए गए, उनमें आईएसआईएस, AQIS (अल-कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट), जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB), अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT), लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM), हिजबुल मुजाहिदीन (HM), इंडियन मुजाहिदीन-सिमी (IM-SIMI), PFI और ISI जैसे नाम शामिल हैं।
एटीएस ने आतंकियों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए तकनीक और इंटेलिजेंस के मिश्रण से विशेष अभियान चलाया। नतीजा यह हुआ कि उत्तर प्रदेश आतंकवाद के विरुद्ध देशभर के लिए एक सफल मॉडल बनकर उभरा है।
फर्जी मुद्रा और टेरर फंडिंग पर भी बड़ा प्रहार
योगी सरकार की प्राथमिकताओं में एक और बड़ा विषय रहा टेरर फंडिंग और फर्जी भारतीय मुद्रा (Fake Indian Currency Notes – FICN) का नेटवर्क। एटीएस ने इस दिशा में 41 लोगों को गिरफ्तार कर 47.03 लाख रुपये की नकली मुद्रा जब्त की। इन अभियुक्तों का उद्देश्य भारत की आर्थिक प्रणाली को कमजोर करना और आतंकी गतिविधियों को आर्थिक सहायता प्रदान करना था।
घुसपैठियों पर शिकंजा: रोहिंग्या और बांग्लादेशियों पर कार्रवाई
गैरकानूनी रूप से प्रदेश में रह रहे 173 रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों को चिन्हित कर गिरफ्तार किया गया। ये घुसपैठिए सुरक्षा एजेंसियों की नजर में देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए थे। एटीएस ने इनके दस्तावेजों की गहन जांच की और इन्हें सख्त कानूनी कार्रवाई के तहत हिरासत में लिया।
धर्मांतरण और सांप्रदायिक उन्माद पर करारा वार
प्रदेश में जबरन धर्मांतरण कराने वाले सिंडिकेट पर भी योगी सरकार ने कड़ी कार्रवाई की। इस कड़ी में 20 से अधिक अभियुक्त गिरफ्तार किए गए। वहीं, राम मंदिर निर्माण को लेकर धार्मिक उन्माद फैलाने और सड़क-जुलूस के जरिए माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई हुई। एटीएस ने ऐसे मामलों में भी अभियुक्तों की पहचान कर कार्रवाई सुनिश्चित की।
साइबर फ्रॉड और फर्जी सिम मॉड्यूल का भंडाफोड़
आतंकवाद और अपराध के डिजिटल चेहरे को भी योगी सरकार ने नजरअंदाज नहीं किया। बीते वर्षों में साइबर फ्रॉड से जुड़े मामलों में कार्रवाई करते हुए 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें चार चाइनीज और 15 भारतीय नागरिक शामिल हैं। इसके अलावा फर्जी नामों और पते पर सिम कार्ड जारी करवाने वाले मॉड्यूल्स पर भी सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए नेटवर्क को ध्वस्त किया गया।
“जीरो टॉलरेंस” बना यूपी की सुरक्षा का आधारस्तंभ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत उत्तर प्रदेश में अब किसी भी राष्ट्रविरोधी गतिविधि की कोई गुंजाइश नहीं बची है। 230 से अधिक दुर्दांत अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर करने के बाद अब आतंकवादियों और उनके स्लीपिंग मॉड्यूल्स पर शिकंजा कसना यह दर्शाता है कि यूपी में कानून का राज और राष्ट्रहित सर्वोपरि है।