हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची को लेकर विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया जारी है। भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने दावा किया है कि अब तक राज्य के 7.24 करोड़ वोटर्स में से 98.2 प्रतिशत मतदाताओं के दस्तावेज प्राप्त हो चुके हैं। यह आंकड़ा उन 65 लाख वोटरों से अलग है जिनके नाम सूची से हटाए गए हैं। आयोग के अनुसार, अब तक 0.16 प्रतिशत दावे और आपत्तियां सामने आई हैं। बिहार के 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों में से 10 ने बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) के जरिए अपनी आपत्तियां दर्ज कराई हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने आधार को दी मान्यता
22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में SIR प्रक्रिया पर सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। अदालत ने आधार कार्ड को वोटर पहचान पत्र के रूप में मान्यता दी। पहले वोटर ID और 11 अन्य दस्तावेजों के आधार पर ही नाम जोड़े या हटाए जाते थे। विपक्षी दलों की आपत्तियों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आधार भी मान्य दस्तावेज होगा। साथ ही, अदालत ने सभी 12 राजनीतिक दलों को निर्देश दिया है कि वे BLO को सहयोग दें ताकि प्रक्रिया जल्द पूरी हो सके।
24 जून से चल रही है प्रक्रिया
बिहार में मतदाता सूची को अपडेट करने का कार्य 24 जून 2025 से शुरू हुआ। इसके तहत मृत और अवैध वोटरों के नाम हटाए जा रहे हैं और नए योग्य वोटरों को जोड़ा जा रहा है। पहले चरण में 1 अगस्त को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की गई थी। इस सूची से 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए।
विपक्ष ने लगाया वोट चोरी का आरोप
RJD, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने इस प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं। विपक्ष का आरोप है कि BJP और चुनाव आयोग मिलकर विशेष समुदायों—अल्पसंख्यक और दलित मतदाताओं—को वोटिंग अधिकार से वंचित कर रहे हैं। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला और वोट चोरी की साजिश करार दिया। वहीं चुनाव आयोग का कहना है कि SIR एक निष्पक्ष और नियमित प्रक्रिया है, जो हर पांच साल में होती है।
30 सितंबर को आएगी अंतिम सूची
चुनाव आयोग के अनुसार, BLO, चुनाव पंजीकरण अधिकारी (ERO) और जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) ने घर-घर जाकर वोटरों के दस्तावेज सत्यापित किए हैं। ड्राफ्ट सूची पर दावे और आपत्तियां एक सितंबर तक स्वीकार की जाएंगी। इसके बाद 30 सितंबर 2025 को फाइनल वोटर लिस्ट जारी होगी। आयोग का दावा है कि प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष है, जबकि विपक्ष इसे संदिग्ध बता रहा है।