हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ इस्तीफे के करीब 40 दिन बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आए। सोमवार को वह दिल्ली के धौलाकुआं स्थित आर्मी रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने डेंटिस्ट से मुलाकात की। इससे पहले वह लगातार अपने आधिकारिक आवास में ही दिनचर्या निभा रहे थे और सार्वजनिक जीवन से दूरी बनाए हुए थे।
रिपोर्टों के अनुसार, अब धनखड़ ने सरकारी आवास छोड़ दिया है और वह इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के प्रमुख अभय सिंह चौटाला के दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर एन्क्लेव स्थित गदाईपुर डीएलएफ फार्म हाउस में शिफ्ट हो गए हैं। सुरक्षा एजेंसियों को भी इसकी सूचना दे दी गई थी कि वह सोमवार शाम 5 बजे नए पते पर पहुंचेंगे। सूत्रों के मुताबिक उनका अधिकांश सामान पहले ही वहां भेजा जा चुका था, जबकि कुछ सामान उपराष्ट्रपति निवास परिसर के एक फ्लैट में रखा गया है।
इस पर अभय सिंह चौटाला ने कहा कि उनके और धनखड़ परिवार के बीच लंबे समय से घनिष्ठ संबंध हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि धनखड़ ने उनसे घर की मांग नहीं की थी, बल्कि उन्होंने स्वयं रिश्तों के आधार पर यह पेशकश की।
74 वर्षीय धनखड़ ने 21 जुलाई को अचानक स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। तब से वह सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आए थे। विपक्ष ने उनके इस्तीफे को लेकर सवाल भी उठाए थे।
इस बीच, धनखड़ ने राजस्थान विधानसभा से बतौर पूर्व विधायक पेंशन के लिए आवेदन किया है। वह 1993 से 1998 तक किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक रहे थे। विधानसभा सचिवालय के अनुसार उन्हें 42,000 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी। दरअसल, एक कार्यकाल पूरा करने पर यह पेंशन 35,000 रुपये होती है, लेकिन 70 वर्ष से अधिक आयु के विधायकों को राजस्थान में 20% अतिरिक्त वृद्धि का लाभ मिलता है।
धनखड़ की राजनीतिक यात्रा में कांग्रेस विधायक से लेकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और फिर देश के उपराष्ट्रपति तक का सफर शामिल है। अब इस्तीफे के बाद उनका जीवन एक बार फिर सादगीपूर्ण निजी दिनचर्या की ओर लौटता दिख रहा है।













