हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
हुरून इंडिया की नई रिच लिस्ट 2025 में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अब 1,687 लोग ऐसे हैं जिनकी संपत्ति 1,000 करोड़ रुपये से अधिक है। इनमें से 358 व्यक्ति अरबपति हैं, जिनके पास कम से कम 8,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है। हालांकि यह संख्या देश की आर्थिक तरक्की का संकेत देती है, लेकिन असमानता की हकीकत भी उजागर करती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, देश की कुल अमीरी का 90 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ 10 राज्यों में सिमटा हुआ है। इनमें महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और राजस्थान शामिल हैं। अकेले महाराष्ट्र में 548 और दिल्ली में 223 अरबपति या 1,000 करोड़ से ऊपर की संपत्ति वाले लोग हैं। इन दो राज्यों में जितनी दौलत है, उतनी देश के कई पूर्वी राज्यों को मिलाकर भी नहीं है।
अमीरी का यह केंद्रीकरण अवसरों की असमानता को दर्शाता है। जिन शहरों में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, निवेश, और उद्योगों का माहौल है — जैसे मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद — वहीं संपत्ति तेजी से बढ़ रही है। इसके विपरीत, बिहार, झारखंड या मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में अब भी बुनियादी सुविधाएं और रोजगार के अवसर सीमित हैं। रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि भारत में अमीरी बढ़ रही है, परंतु इसका वितरण अब भी बेहद असंतुलित है।













