हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: 2 अप्रैल:अलीगढ़,
अलीगढ़, 2 अप्रैल: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर एस.एम. खान ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एकेडमिक प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन, नई दिल्ली द्वारा शिक्षकों के लिए आयोजित बहु-विषयक रिफ्रेशर कोर्स में ‘शैक्षणिक लेखन में कॉपीराइट’ विषय पर ऑनलाइन व्याख्यान दिया।
कॉपीराइट कानूनों का महत्व
प्रोफेसर खान ने अपने व्याख्यान में शैक्षणिक प्रकाशनों में कॉपीराइट कानूनों और बौद्धिक संपदा अधिकारों की भूमिका को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार ये कानून विद्वानों के कार्यों की सुरक्षा करते हैं और साहित्यिक चोरी को रोकने में मददगार होते हैं।
अनुसंधान में नैतिकता और एआई अनुप्रयोग
उन्होंने शोध में नैतिक मानकों को बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया और अनुसंधान कार्यों में मौलिकता की रक्षा के लिए आधुनिक तकनीकों के उपयोग पर चर्चा की। सत्र के दौरान उन्होंने एआई अनुप्रयोगों का प्रदर्शन किया, जो शोध लेखों और परियोजनाओं की प्रामाणिकता को सत्यापित करने में सहायक हैं।
कॉपीराइट प्रमाणन की प्रक्रिया
प्रोफेसर खान ने शैक्षणिक सामग्री के कॉपीराइट प्रमाणन के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया भी समझाई, जिससे शोधकर्ताओं और लेखकों को अपने अकादमिक योगदान के लिए कानूनी सुरक्षा प्राप्त हो सके।