हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
1. एएमयू कुलपति द्वारा जेएनएमसी में डीबीटी निदान केंद्र का उद्घाटन
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नइमा खातून ने जेएनएमसी में डीबीटी उम्मीद निदान केंद्र का उद्घाटन किया और दुर्लभ रोग जागरूकता अभियान की शुरुआत की। आयोजन सीएमई कार्यक्रम के दौरान हुआ, जिसे प्रो. तमकीन खान और प्रो. जेबा जका-उर-रब ने संयोजित किया। कुलपति ने निदान केंद्र को शोध आधारित स्वास्थ्य सेवाओं और रेयर डिजीज की शुरुआती पहचान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया और सहकुलपति प्रो. मोहम्मद मोहसिन खान के सहयोग का उल्लेख किया।
मानद अतिथि के रूप में प्रो. सीमा कपूर, प्रो. मधुलिका काबरा, और प्रो. कौशिक मंडल उपस्थित रहे।
2.12 करोड़ रुपये के डीबीटी अनुदान से बने इस केंद्र में थैलेसीमिया जाँच, जन्मजात विकृति स्क्रीनिंग, नवजातों की पाँच रोगों की प्रारंभिक स्क्रीनिंग, जेनेटिक टेस्टिंग और काउंसलिंग जैसी नि:शुल्क सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
टीम का नेतृत्व प्रो. तमकीन खान कर रही हैं। टीम में डॉ आयशा अहमद, डॉ गुलनाज नादरी, प्रो. हामिद अशरफ, डॉ मेहदी हयात शाही, प्रो. अफजल, और डॉ अहमद फराज शामिल हैं। यह केंद्र क्षेत्रीय जेनेटिक उत्कृष्टता केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर है।
2. एएमयू शिक्षक को अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में बेस्ट पेपर अवॉर्ड
जे.एन. मेडिकल कॉलेज के फिजियोलॉजी विभाग के प्रो. शाह मोहम्मद अब्बास वसीम और डॉ उम्मे कुल्सूम जैदी (PhD) को मॉडर्न लर्निंग एनवायरनमेंट्स पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में बेस्ट पेपर प्रेजेंटेशन अवॉर्ड मिला।
शोध-पत्र में विश्वविद्यालयों के शैक्षिक मॉडलों का एनईपी-2020 से सामंजस्य और डिजिटल साक्षरता व नई तकनीकों के अपनाने जैसी चुनौतियों का विश्लेषण किया गया।
फैकल्टी ऑफ मेडिसिन के डीन प्रो. मोहम्मद खालिद और विभागाध्यक्ष प्रो. मोहम्मद असलम ने उन्हें बधाई दी।
3. एएमयू एनसीसी कैडेट्स की गतिविधियाँ
वन यूपी इंजीनियर्स कम्पनी एनसीसी की नवंबर माह की गतिविधियों में एएमयू के जेडएचसीईटी और यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक के कैडेट्स ने सक्रिय भागीदारी की।
मुख्य आकर्षण पैरासेलिंग कैंप रहा, जिसमें ड्रोन से फूलों की वर्षा भी की गई।
ब्रिगेडियर राजेश गुप्ता और ऑफिसर कमांडिंग कर्नल डी. दढ़वाल ने कैडेट्स के उत्साह की सराहना की।
केयरटेकिन्ग अधिकारी मोहम्मद दानिश और मोहम्मद इमरान का आयोजन में विशेष योगदान रहा।
कैडेट्स ने वंदे मातरम् के 150 वर्ष और एनसीसी दिवस कार्यक्रमों में भी भाग लिया।
4. प्रोफेसर एस.पी. शर्मा को आईएसबीएस लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
संस्कृत विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. एस.पी. शर्मा को इंडियन सोसाइटी फॉर बौद्धिस्ट स्टडीज के सिल्वर जुबली सम्मेलन में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड मिला।
एएमयू की ओर से प्रो. टी.एन. सतीसन और प्रो. क्रांतिपाल ने सम्मेलन में शोध-पत्र प्रस्तुत किए।
5. प्रो. सुबूही खान के आमंत्रित व्याख्यान
गणित विभाग की प्रो. सुबूही खान ने दो अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों—
• एसएसएफए की वार्षिक बैठक/आईसीएसएफए-2025 (पॉन्डिचेरी यूनिवर्सिटी)
• शारदा यूनिवर्सिटी के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन
—में “ब्लेंडेड हरमाइट पॉलिनॉमियल फैमिलीज़” और “बेसेल-ट्रिकॉमी फंक्शन्स” पर व्याख्यान दिए।
उन्होंने बेस्ट पेपर प्रेजेंटेशन सत्र की अध्यक्षता भी की।
6. एएमयू कम्युनिटी कॉलेज में नए बैच का ओरिएंटेशन
सत्र 2025-26 के नए छात्रों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम प्रो. मुजीब अहमद अंसारी द्वारा उद्घाटित किया गया।
प्रो. रफीउद्दीन, डॉ सलमा शहीन, प्रो. साबित अख्तर, डॉ जैन खान, डॉ शीबा कमाल, डॉ तूबा फातिमा, फरहा, और पंकज कुमार त्यागी ने छात्रों को कॉलेज संसाधनों, अकादमिक ढाँचे और करियर संभावनाओं से अवगत कराया।
समापन डॉ गुलाम वारिस खान के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।
7. अजमल खान तिब्बिया कॉलेज में यूनानी की चार नई ओपीडी
चार नई ओपीडी—
• यौन रोग
• गैस्ट्रो/मेटाबॉलिक डिजॉर्डर
• रूमेटोलॉजी
• हिजामा एवं वेलनेस
—का उद्घाटन प्रो. एस.एम. सफदर अशरफ और प्रो. बदरुद्दुजा खान ने किया।
इनका संचालन क्रमशः
• प्रो. बदरुद्दुजा खान
• प्रो. तंजील अहमद
• प्रो. मोहम्मद अनवर
• प्रो. असिया सुल्ताना
द्वारा किया जाएगा।
8. बीयूएमएस (बैच-2025) इंडक्शन कार्यक्रम का समापन
समारोह की अध्यक्षता प्रो. जावेद अख्तर ने की।
मुख्य अतिथि डॉ मुजीब उल्लाह जुबैरी, मानद अतिथि प्रो. निशात फातिमा रहीं।
कार्यक्रम में 38 व्याख्यान, चार प्रेरक वार्ताएँ, हर्बल गार्डन व म्यूज़ियम भ्रमण तथा टैलेंट शो आयोजित हुआ।
समन्वय: डॉ सबा जैदी, डॉ अर्शी रियाज, डॉ सफिउर रहमान, डॉ मोहम्मद शाहब।
9. फार्माकोलॉजी छात्रों का सन फार्मा के सीपीयू का दौरा
एमडी फार्माकोलॉजी के छात्रों ने सन फार्मा की क्लीनिकल फार्माकोलॉजी यूनिट, जामिया हमदर्द का औद्योगिक दौरा किया।
मार्गदर्शन डॉ सचिन मेहरा, प्रो. फरहान जलीस अहमद ने किया।
विभागाध्यक्ष प्रो. सैयद जिया-उर-रहमान ने इसे अत्यंत ज्ञानवर्धक बताया।
10. प्रो. एम.जे. वारसी का नेपाल में मुख्य व्याख्यान
भाषाविज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष और लिंग्विस्टिक सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रो. एम.जे. वारसी ने नेपाल में आयोजित 46वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य व्याख्यान दिया।
उन्होंने भाषाविज्ञान की पारंपरिक से आधुनिक यात्रा और “लिंग्विस्टिक ह्यूमनिज्म” की अवधारणा पर अपने विचार साझा किए।













