हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑17 मई : 2025
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर स्थित सईद इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज नामक नर्सिंग कॉलेज पर बिना किसी मान्यता के संचालन का गंभीर आरोप सामने आया है। इस मामले में कॉलेज के संचालक मो. आरिफ सैयद पर एक छात्रा से 2.70 लाख रुपये की ठगी करने के आरोप में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है।
इस मामले की शिकायत रायबरेली के बछरावां निवासी छात्रा सोनाली शर्मा ने दर्ज कराई है। सोनाली के अनुसार वर्ष 2019 में हजरतगंज स्थित शाहनजफ रोड पर संचालित सईद इंस्टीट्यूट से उन्होंने संपर्क किया था। यहां उनकी मुलाकात कॉलेज संचालक मो. आरिफ सैयद से हुई थी। आरिफ ने दावा किया कि उनका कॉलेज पंजाब के बठिंडा स्थित आदेश विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त है।
इस झांसे में आकर सोनाली ने कॉलेज में बीएससी नर्सिंग कोर्स में दाखिले की प्रक्रिया शुरू की। उन्होंने गोमतीनगर के विपुलखंड-6 स्थित आईएमआरटी बिजनेस मैनेजमेंट पार्क में कॉलेज की प्रवेश परीक्षा दी, जिसमें उत्तीर्ण होने के बाद उन्हें दाखिला दे दिया गया। इसके बदले आरिफ ने सोनाली से ₹2.70 लाख की फीस ले ली।
सोनाली ने लगभग एक साल तक पढ़ाई की, लेकिन कोरोना महामारी के कारण कॉलेज बंद हो गया। जब महामारी के बाद दोबारा पढ़ाई शुरू हुई, तो उन्हें बताया गया कि अब कक्षाएं गोमतीनगर की दूसरी बिल्डिंग में होंगी।
पीड़िता ने बताया कि एक बार परीक्षा हुई, जिसके बाद उन्हें एक अंकपत्र भी दिया गया। लेकिन इसके बाद कभी वार्षिक परीक्षा नहीं हुई। जब इस बारे में सोनाली ने संचालक आरिफ से सवाल किया, तो उन्होंने जवाब दिया कि कोरोना के चलते सभी छात्रों को प्रमोट कर दिया गया है।
सोनाली के अनुसार छह वर्ष बीतने के बावजूद उनका कोर्स पूरा नहीं हुआ। जब उन्होंने कॉलेज की मान्यता और दस्तावेजों की जांच की, तब उन्हें ठगी का एहसास हुआ।
इस पूरे मामले में पीड़िता की शिकायत पर गोमतीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इंस्पेक्टर गोमतीनगर बृजेश चंद्र तिवारी के अनुसार, संचालक मो. आरिफ सैयद के खिलाफ धारा 419, 420 समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी गई है।
इस घटना ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली और निरीक्षण व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। बिना मान्यता के वर्षों से नर्सिंग कॉलेज कैसे संचालित होता रहा, और किसी भी स्तर पर इसकी जांच क्यों नहीं हुई – यह एक बड़ा प्रश्न है।
सोनाली शर्मा को उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा और संचालक के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। साथ ही अन्य छात्रों को भी जागरूक रहने की जरूरत है कि किसी भी संस्थान में दाखिला लेने से पहले उसकी मान्यता और वैधता की पूरी जांच अवश्य करें।