हिन्दुस्तान मिरर न्यूज
लखनऊ, 25 जुलाई 2025 — सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऊर्जा विभाग की स्थिति की समीक्षा के लिए आज शाम मुख्यमंत्री आवास में एक उच्च‑स्तरीय बैठक बुलाई है। यह बैठक बिजली आपूर्ति व्यवस्था में हाल ही में सामने आई अव्यवस्थाओं और विभागीय लापरवाही के मददेनज़र आयोजित की जा रही है।
बीते दिनों ऊर्जा मंत्री आर. के. शर्मा (AK शर्मा) ने बिजली विभाग की प्रणाली पर तीखी नाराज़गी जताते हुए अधिकारियों की जमकर फटकार लगाई थी। उन्होंने विभाग को एक “वसूली केंद्र” बताते हुए कहा कि जनता को गालियां तक मिल रही हैं, और पूछ तानी की कि क्या विभाग ने उनकी कथनी-वाचनी को प्रभावित करने के लिए “सुपारी” रखी है Navbharat Times+5आज तक+5Navbharat Times+5।
वहीं, मुरादाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान बिजली की अचानक कटौती (लगभग 10 मिनट) से नाराज़ मंत्री ने मौके पर 5 अधिकारियों को निलंबित कर दिया, जिसमें चीफ इंजीनियर, अधीक्षण अभियंता और जूनियर अभियंता शामिल हैं Patrika News+1Navbharat Times+1। इसके अलावा, मंत्री ने विभाग की कार्यप्रणाली के खिलाफ सार्वजनिक स्तर पर भी तीखा विरोध दर्ज कराया है Navbharat Times।
इससे पहले अप्रैल में हुई एक बैठक में मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि:
- 30% से अधिक लाइन लॉस वाले फीडरों के संविदा कर्मचारियों को बर्खास्त किया जाएगा,
- 70% से अधिक लोड वाले ट्रांसफॉर्मर्स की ट्रांसफार्मर‑निगरानी हो,
- पीक आवर्स में शटडाउन पूर्णतः वर्जित हो,
- और पर्यटन व धार्मिक स्थलों पर बिजली सप्लाई नहीं काटी जाए Navbharat Times+5Patrika News+5abplive.com+5।
इन सब घटनाओं को ध्यान केंद्रित में रखकर मुख्यमंत्री की यह बैठक खास महत्व रखती है। बैठक में ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, डिस्कॉम के एमडी और तकनीकी निदेशकों को बुलाया गया है। माना जा रहा है कि इस समीक्षा में विभागीय सुधार, जवाबदेही तय करना, बिजली आपूर्ति व्यवस्था में सुधार और अगर आवश्यक स्टेशन स्तर पर फेरबदल की सिफारिशें सामने आएंगी।
मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब बिजली व्यवस्था को लेकर जनता की बढ़ती नाराज़गी और विभागीय चेतावनियों के बीच सरकार का संदेश साफ है: अब अफसरों और कर्मचारियों द्वारा लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और जनता को राहत पाने का पूर्ण अधिकार है।