हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
22 सितंबर से भारत में GST प्रणाली में बड़ा बदलाव लागू हो गया। अब पुराने चार स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) को घटाकर मुख्य रूप से दो स्लैब 5% और 18% कर दिया गया है, जबकि कुछ विशेष वस्तुओं पर 40% की दर लागू रहेगी। इसका उद्देश्य आम आदमी की जेब पर असर कम करना और रोजमर्रा की चीजों की कीमतें घटाना है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस बदलाव से आवश्यक वस्तुओं की कीमतें घटेंगी और महंगाई दर में कमी आएगी। SBI रिपोर्ट में बताया गया है कि चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई 25-30 आधार अंकों तक घट सकती है, जबकि 2026-27 तक यह 65-75 आधार अंकों तक सीमित रह सकती है।
सरकारी खजाने पर असर भी होगा। अनुमान है कि इस सुधार से सालाना लगभग 48,000 करोड़ रुपये का राजस्व घटेगा। हालांकि, सरकार के राजकोषीय घाटे पर इसका बड़ा दबाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि विकास और उपभोग में वृद्धि से न्यूनतम राजस्व हानि लगभग 3,700 करोड़ रुपये तक सीमित रहने की संभावना है।
इस बदलाव से आम जनता को सीधी राहत मिलेगी, कीमतें कम होंगी और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी, जबकि सरकार को राजस्व में भारी कटौती का सामना करना पड़ेगा।













